Thursday 28 May 2020

कोविड संदिग्ध वार्ड में तड़प-तड़पकर युवक की मौत, स्टाफ बेखबर; साथ में मौजूद मरीज बनाता रहा वीडियो

कोरोना संक्रमण के बीच अस्पतालों से लापरवाही की भी खबरें आ रही हैं। कोटा स्थित नए अस्पताल के कोरोना संदिग्ध मरीजों के वार्ड से ऐसा ही केस सामने आया है। यहां भर्ती एक मरीज की वार्ड में ही तड़प-तड़पकर मौत हो गई, लेकिन ड्यूटी पर तैनात स्टाफ को पता तक नहीं चला। सबसे दर्दनाक बात यह रही कि सामने के बेड पर भर्ती मरीज स्टाफ को सूचना देने के बजाय वीडियो बनाता रहा। यदि वह समय पर स्टाफ को सूचित कर देता तो युवक की जान बच सकती थी।

कोटा में कोविड वार्ड में तड़प-तड़पकर युवक की मौत, स्टाफ बेखबर
जानकारी अनुसार, कैथून निवासी लालचंद मालव (40) को 21 मई को नए अस्पताल के कोरोना संदिग्ध वार्ड में एडमिट कराया गया था। लालचंद कोटा में ही औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री में ठेका श्रमिक था। उसे सांस में तकलीफ कोई तो परिजनों ने उसे ईएसआई हॉस्पिटल में दिखाया, जहां से कोरोना जांच व चेस्ट एक्स-रे के लिए मेडिकल कॉलेज कोरोना वार्ड के लिए रैफर कर दिया। वहां उसे कोरोना संदिग्ध मरीजों के वार्ड में भर्ती कर लिया गया। 23 मई को देर रात करीब 3 बजे उसकी तबीयत खराब हो गई। दर्द से तड़पते हुए वाह बेड से नीचे गिर गया। संदिग्ध मरीजों के वार्ड में ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ को इसकी भनक तक नहीं लगी और उसने वहीं दम तोड़ दिया। इस दौरान वहां मौजूद किसी मरीज ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया। वीडियो वायरल हुआ तो मृतक के परिजनों ने महावीर नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

मरीज के इलाज में हमारी तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई : अधीक्षक
नया अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर सीएस सुशील ने बताया कि इस वीडियो के बारे में जैसे ही जानकारी मिली तो हमने संबंधित वार्ड में ड्यूटी पर मौजूद नर्सिंग कर्मचारी ओमप्रकाश से जवाब मांगा था। उसने बताया कि मैं वार्ड में ही था और जैसे ही मरीज गिरा तो मुझे पता लगा और दौड़कर वहां गया। इसके बाद मरीज को बेड पर लेटाया और करीब ढाई बजे डॉक्टर को कॉल भेजी, जीरियाट्रिक्स क्लीनिक में मौजूद रेजीडेंट ने आकर मरीज को मृत घोषित कर दिया। इस मरीज को टीबी थी और दौरे भी आ रहे थे। किसी तरह की लापरवाही की बात गलत है। उसके इलाज में लापरवाही नहीं रही। अब यदि मरीज को दौरे आ रहे हैं तो उनमें ऐसी दिक्कतें हो सकती हैं।

नाच-गान से खुद को रख रहे हैं मजबूत
सिरोही में कॉलेज में बने कोविड केयर सेंटर की खास बात यह है कि इनके मनोरंजन के लिए भी म्युजिक सिस्टम लगा रखा है। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि लोगों का मन लगा रहे और मनोरंजन के साथ अपने आप को मजबूत बनाए रखने के लिए यहां भी म्यूजिक सिस्टम लगा रखा है। सिरोही पीएमओ डॉ दर्शन ग्रोवर का कहना है कि अभी तक जो मरीज आ रहे हैं 9 दिन में ही सही हो रहे हैं। 82 साल रंभादेवी भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं औ उसके समेत 8 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है। हाई रिस्क श्रेणी में होने की वजह से पहले उन्हें जोधपुर रेफर करने का निर्णय लिया था, लेकिन उनके पूरी तरह से स्वस्थ हाेने पर यहीं पर उनका इलाज किया। स्टाफ भी कई बार उनके पास जाता और उनके हाल-चाल पूछता। अभी तक 18 मरीजों को छुट्टी दे दी गई है। मरीजों का मन लगा रहे इसके लिए इन्हें दो समय आरती के साथ ही भजन और पुराने गाने सुनाते हैं।

सिरोही के कोविड केयर सेंटर में म्यूजिक सिस्टम लगाया गया।


जयपुर के रामगंज में 26 मार्च के बाद पहली बार रामगंज में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं
रामगंज में कोरोना की दस्तक के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि वहां एक भी केस नहीं आया है। वहीं 10 से कम मरीज जयपुर में आए हैं। रामगंज में लगातार सैंपलिंग हो रही है। सीएमएचओ प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया रामगंज में मार्च से बड़े स्तर पर सैंपलिंग हो रही है। अब तक 10098 लाेगों की सैंपलिंग की गई है। गुरुवार को भी 207 लोगों की सैंपलिंग की गई। सबसे बेहतर बात यह भी है कि रामगंज में कुल 18 ही एक्टिव बचे हैं। अभी तक 1450 केस रिकवर व 1291 डिस्चार्ज हो चुके हैं।

कोटा में 6 मरीज डिस्चार्ज हुए
नए अस्पताल से 6 कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इनमें 3 महिलाएं व 3 पुरुष शामिल हैं। वहीं, 10 अन्य मरीज दो बार निगेटिव हो चुके हैं। क्वारैंटाइन पूरा होने पर इनको भी डिस्चार्ज किया जाएगा। जिन 6 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है। उनमें साजीदेहड़ा का एक 55 वर्षीय व्यक्ति, पाटनपोल का एक 49 वर्षीय व्यक्ति व नारायण दास का अड्डा का 48 वर्षीय पुरुष शामिल है। पाटनपोल की 55 व 22 वर्षीय महिला, मेहरापाड़ा की 17 वर्षीय बालिका को भी डिस्चार्ज किया है।

झालावाड़ में कोरोना संक्रमण फैलाने पर निजी क्लिनिक संचालक पर केस दर्ज
झालरापाटन में सब्जी कुइया के पास स्थित निजी क्लिनिक संचालक द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने पर क्लिनिक संचालक के खिलाफ केस दर्ज किया गया। एसपी राममूर्ति जोशी ने बताया कि गत दिनों झालरापाटन में कोरोना पॉजिटिव आए मरीजों की हिस्ट्री निकाली तो ज्यादातर मरीजों ने सब्जी कुइया के पास स्थित एक क्लिनिक पर प्राइवेट कंपाउंडर से इलाज करवाना बताया था।

नीमकाथाना 8 माह का बेटा पहचान नहीं पाया और रोने लगा तो पीपीई किट पहने पॉजिटिव मां ने उसका हाथ अपने चेहरे पर लगाया और कहा-मैं तेरी मां
नीमकाथाना के टोडा में 28 साल की एक महिला गुरुवार को संक्रमित मिली। पति पहले से पॉजिटिव है और उसके आठ महीने का बेटा है। सुबह 11 बजे एंबुलेंस महिला को लेने के लिए उसके घर पहुंची। मां ने कहा कि मैं मेरे बेटे के बिना कैसे जा सकती हूं। उसे अकेला नहीं छोड़ सकती। महिला के सास-ससुर ने भी स्वास्थ्य विभाग को बताया कि 8 महीने के बच्चे को वे नहीं संभाल सकते। क्योंकि-उसे मां के दूध की जरूरत है। महिला स्टाफ ने बीसीएमओ डॉ. मुकेश से बात की। वे तुरंत मौके पर पहुंचे और सांवली में बात की। यहां डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन देखी गई और मां को बेटा साथ रखने की इजाजत दे दी गई। जैसे ही मां को पीपीई किट पहनाया गया और बेटे को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने अपनी गोद में उठाया तो बच्चा रोने लगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व बाकी नर्सिंग स्टाफ ने बच्चे को चुप कराने की खूब कोशिश की, लेकिन वह चुप नहीं हुआ। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि पीपीई किट पहने मां ने बेटे को गोद में लिया तो कपड़ों की वजह से वह मां को भी नहीं पहचान पाया। मां ने कहा-बेटा मैं ही हूं। बेटा चुप नहीं हुआ तो मां ने उसके हाथ अपने पीपीई किट पहने चेहरे पर लगाए, तब बच्चा चुप हुआ।

नीमकाथाना में 8 माह का बेटा कोरोना केयर सेंटर में मां के साथ ही रहेगा।


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तस्वीर कोटा के नया अस्पताल की है। जहां कोरोना संदिग्ध वार्ड में एक व्यक्ति की तड़पतड़प कर मौत हो गई।


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