Friday 31 January 2020

चीन में होने वाला पहला बैडमिंटन मास्टर्स टूर्नामेंट टला, अब तक 8 से ज्यादा बड़े खेलों पर असर

खेल डेस्क. कोरोनावायरस के कारण चीन में होने वाला पहला बैडमिंटन मास्टर्स टूर्नामेंट टाल दिया गया है। यह जानकारी बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ) ने शनिवार को दी। यह 6 दिवसीय टूर्नामेंट 25 फरवरी से दक्षिणी हैनान आईसलैंड के लिंगशुई में होना था। अगले 3 महीने के अंदर चीन में होने वाले 8 से ज्यादा बड़े खेलों पर कोरोनावायरस का असर पड़ा है।चीन में कोरोनावायरस से अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। 6 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है।

टोक्यो ओलिंपिक के लिए होने वाले महिला एशियन फुटबॉल, बॉक्सिंग और बास्केटबॉल क्वालिफायर मुकाबलों को दूसरे देशों में शिफ्ट किया गया। वहीं, नानजिंग में होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स इंडोर चैम्पियनशिप को भी एक साल के लिए टाल दिया गया। यह टूर्नामेंट अब मार्च 2021 में होगा।

कई खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट से नाम वापस लिया
बीडब्ल्यूएफ ने कहा, ‘‘टूर्नामेंट के दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर खतरा बना हुआ था। कई खिलाड़ियों ने अपना नाम पहले ही वापस ले लिया था। इसी कारण टूर्नामेंट को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है। इवेंट को लेकर ज्यादा जानकारी जल्दी शेयर की जाएगी।’’

फॉर्मूला वन ग्रांड प्रिक्स टल सकता है
शंघाई में सबसे बड़ा इवेंट फॉर्मूला वन ग्रांड प्रिक्स 19 अप्रैल को होगा। इससे पहले प्रैक्टिस और क्वालिफायर मुकाबले भी होने हैं। इस इवेंट को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस इवेंट की तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है।

अन्य खेलों पर असर

  • टोक्यो ओलिंपिक के लिए चीन में होने वाले महिला एशियन फुटबॉल के ग्रुप बी के क्वालिफायर मुकाबले अब ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में होंगे। यह टूर्नामेंट 3 से 9 फरवरी के बीच होगा
  • ओलिंपिक गेम्सके लिए बॉक्सिंग क्वालियर को जॉर्डन में कराया जाएगा। यह मुकाबले 3 से 11 मार्च तक होंगे
  • टोक्यो ओलिंपिक के लिए महिला बास्केटबॉल क्वालिफायर अब सर्बिया में होंगे। यह मुकाबले 6 से 9 फरवरी के बीच होंगे
  • नानजिंग में होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स इंडोर चैम्पियनशिप को भी एक साल के लिए टाल दिया गया। यह टूर्नामेंट अब मार्च 2021 में होगा
  • 2022 बीजिंग ओलिंपिक में अल्पाइन स्कीइंग के लिए 15 फरवरी से परीक्षण के तौर पर रेस होनी थी, जिसे रद्द कर दिया गया
  • इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन (एफआईएच) ने चीन में इसी महीने होने वाली प्रो हॉकी लीग गेम्स को टाल दिया


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चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग (बाएं) ने कोरोनावायरस के प्रति जागरुकता के लिए लोगों से बात की।


source https://www.bhaskar.com/sports/anya-khel/news/china-masters-2020-coronavirus-latest-news-and-updates-badminton-world-federation-postpones-bwf-world-tour-china-masters-126648542.html

कौटिल्य के अर्थशास्त्र के मुताबिक बजट टेक्निकल और प्रोफेशनल नहीं, बल्कि नैतिकता पर आधारित होना चाहिए

जीवन मंत्र डेस्क.कौटिल्य के लिखे अर्थशास्त्र में आयकर का जिक्र मिलता है। यह ग्रंथ करीब 2300 साल पहले लिखा गया है। इसमें कौटिल्य ने लिखा है कि सरकार (राजा) की सत्ता उसके राजकोष की मजबूती पर निर्भर करती है। राजस्व और कर सरकार के लिए आमदनी है, जो उसे अपनी जनता (प्रजा) की सेवा, सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मिलती है।

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. कौशल किशोर मिश्रा के अनुसार कौटिल्य ने अर्थशास्त्रमें बताया है कि राजा की सबसे बड़ी ताकत उसका खजाना होता है। यानी अपने राज्य और जनता की तरक्की के लिए सबसे पहले खजाना कैसे बढ़ाया जाए, इस बात पर ध्यान देना चाहिए। कौटिल्य के अनुसार राजकोष बढ़ाना और उसे जनता के कल्याण में कैसे लगाया, इस व्यवस्था को ही बजट कहा जाता है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में कर की व्यवस्था का खासतौर से ध्यान रखा गया है। इसके मुताबिक राजा यानी देश पर शासन करने वाले को नैतिकता को ध्यान में रखते हुए अपना बजट बनाना चाहिए। नैतिकता के आधार पर ही किसी राज्य या देश की उन्नति हो सकती है।

कौटिल्य के अनुसार कैसा हो बजट
1. पहला काम टैक्सेशन ठीक करना

कौटिल्य के मुताबिक जनता पर टैक्स का बोझ कम होना चाहिए। इसलिए मधु सिद्धांत के अनुसार टैक्स लेना चाहिए। यानी मधुमक्खी जिस तरह फूलों से रस लेकर शहद बनाती है, जिससे फूलों को नुकसान नहीं होता और शहद से लोगों को फायदा मिलता है।

2. सबसे हाशिए पर मौजूद तबके को बढ़ावा देना
अर्थशास्त्र के मुताबिक राजा का काम समाज के सबसे 'न्यून वर्ग' या सबसे हाशिए पर खड़े वर्ग को बढ़ावा देना होता है। इस तरह सरकार के बजट में दूसरी महत्वपूर्ण बात 'न्यून वर्ग' वालों को ऊपर उठाना है। सरकार को ऐसी योजनाएं, सुविधाएं या छुट देनी चाहिए, जिससे गरीब लोगों का स्तर बढ़े।

3.पर्यावरण
कौटिल्य ने देश के समग्र विकास के लिए अपने अर्थशास्त्र में पर्यावरण को महत्व दिया है। पर्यावरण ठीक करने के लिए किसी टैक्स का प्रावधान होना चाहिए। अगर पर्यावरण को कोई नुकसान पहुंचाए तो उसके लिए दंड भी होना चाहिए। कौटिल्य ने कृषि और जल संसाधन को पर्यावरण का प्रमुख अंग माना है। अर्थशास्त्र के अनुसार राजा कोइनके लिए ऐसी योजनाएं बनानी चाहिए जिससे जनता को सुविधा मिले और उसके बदले कर के रूप में राजकोष बढ़े।

4.पशुपालन

कौटिल्य ने पशु को राजकोष का अंग मानते हुए पशु को राजा की संपत्ति बताया है। अर्थशास्त्र के अनुसार खेती के लिए पशु जरूरी है ताकि दूध, खाद और अन्य जरूरी चीजें मिलती रहें। वहीं, राजा की सेना में हाथी और घोड़े जरूरी अंग माने गए थे।

5.निर्माणकार्य
कौटिल्य के अनुसार राजा को अपने राज्य यानी देश के विकास के लिए जरूरी चीजों का निर्माण करवाना चाहिए। इनमें कुएं, बावड़ियां, तालाब और अन्य चीजें शामिल थीं। आज के दौर में उसी तरह सरकार को भी देश की उन्नति के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए खर्चा करना चाहिए।

अर्थशास्त्र के अनुसार समानता के आधार पर विकास
अलब्धलाभार्था लब्धपरिरक्षणी रक्षितविवर्धनी वृद्धस्य तीर्थे प्रतिपादनी च

अर्थ -कौटिल्य के अनुसार जो प्राप्त न हो वो प्राप्त करना, जो प्राप्त हो गया हो उसे संरक्षित करना, जो संरक्षित हो गया उसे समानता के आधार पर बांटना।

श्रेणियों के अनुसार कर निर्धारण
कौटिल्य के समय शराब पर सबसे ज्यादा कर वसूला जाता था। इसके अनुसार पूरे देश में शराब पर टैक्स सबसे ज्यादा होना चाहिए। टैक्स का फैसला नैतिकता के मुताबिक अलग-अलग श्रेणियों में होना चाहिए। कौटिल्य के समयसबसे कम टैक्स भोजन और कृषि पर लिया जाता था।

प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है इनकम टैक्स का जिक्र
हजारों साल पहले लिखी गई मनुस्मृति में आयकर के बारे में लिखा है कि शास्त्रों के अनुसार राजा कर लगा सकता है। करों का संबंध प्रजा की आय और व्यय से होना चाहिए। इसमें ये भी कहा गया था कि राजा को हद से ज्यादा कर लगाने से बचना चाहिए। करों की वसूली की ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि प्रजा अदायगी करते समय मुश्किल महसूस न करें। इसके अलावा शुक्रनीति, बृहस्पति संहिता और महाभारत के शांतिपर्व के 58 और 59वें अध्याय में भी इस बारे में जानकारी दी गई है। वहीं तुलसीदास जी ने भी अपनी दोहावली में अप्रत्यक्ष रूप से कर का जिक्र किया है। उनके अनुसार सूर्य की तरह कर लिया जाना चाहिए।

दोहा
बरषत हरषत लोग सब करषत लखै न कोइ। तुलसी प्रजा सुभाग ते भूप भानु सो होइ ॥

गोस्वामी तुलसीदास ने अप्रत्यक्ष कर संग्रह की बात कही है। उन्होंने इसके लिए सूर्य का उदाहरण लिया है। सूर्य जिस प्रकार पृथ्वी से अनजाने में ही जल खींच लेता है और किसी को पता नहीं चलता, किन्तु उसी जल को बादल के रूप में इकट्‌ठा कर वर्षा में बरसते देखकर सभी लोग प्रसन्न होते हैं। इसी रीति से कर संग्रह करके राजा द्वारा जनता के हित में कार्य करना चाहिए।



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According to Kautilya, the budget should be based on ethics, not technical and professional.


source https://www.bhaskar.com/religion/dharam/news/according-to-kautilya-the-budget-should-be-based-on-ethics-126641284.html

ओलिंपिक के लिए कोरोनावायरस कोई खतरा नहीं, सबकुछ शेड्यूल के मुताबिक होगा: जापान

खेल डेस्क. जापान में इस साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक के लिए कोरोनावायरस कोई खतरा साबित नहीं होगा। सबकुछ शेड्यूल के मुताबिक ही होगा। यह जानकारी जापान के ओलिंपिक मंत्री सीको हाशीमोटो ने शुक्रवार को दी। ओलिंपिक गेम्स24 जुलाई से 9 अगस्त तक होंगे। दरअसल, चीन में कोरोनावायरस से अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। 6 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं, जापान में कोरोनावायरस से प्रभावित 17 लोगों की पहचान हुई। शुक्रवार को भी एक नया मामला सामने आया है।

कैबिनेट बैठक के बाद हाशीमोटो ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं लोग काफी चिंतित हैं, लेकिन यह टोक्यो गेम्स हैं। लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) समेत अन्य संबंधित संस्थानों के टच में हैं। ओलिंपिक गेम्स को सफल बनाने के लिए बेहतर काम किए जा रहे हैं।’’

ओलिंपिक में जरूरी सभी सुरक्षा व्यवस्थाएं रहेंगी
आईओसी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जल्द ही कोरोनावायरस के प्रकोप को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और इससे संबंधित अन्य संगठनों से बात की जाएगी। ओलिंपिक के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी।’’



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जापान में शुक्रवार को कोरोनावायरस से प्रभावित एक नए मरीज की पहचान हुई।


source https://www.bhaskar.com/sports/anya-khel/news/coronavirus-danger-to-tokyo-olympics-2020-news-updates-olympics-minister-coronavirus-sports-126648079.html

यूरोपीय संघ से अलग होने वाला पहला देश बना ब्रिटेन, 47 साल का साथ खत्म; जॉनसन बोले- सबको साथ लेकर चलूंगा

लंदन. ब्रिटेन आधिकारिक तौर पर शनिवार कोयूरोपीय संघ (ईयू) से अलग हो गया। 47 साल के बाद ईयू से अलग होने वाला ब्रिटेन पहला देश बन गया। ईयू संसद ने ब्रेग्जिट समझौते को गुरुवार को मंजूरी दे दी थी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रेग्जिट से ठीक पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में ब्रिटेन के लिए एक नए युग की शुरुआत के रूप में इस क्षण कोऐतिहासिक बताया।

भारतीय समय के अनुसार ब्रिटेन शनिवार सुबह 4.30 बजे ईयू से अलग हुआ। ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय से ब्रिटेन का झंडा हटा दिया गया है।

‘यह मेरी जिम्मेदारी कि सभी लोगों को साथ लेकर चलूं’

इस मौके पर जॉनसन ने कहा- 2016 में जिन लोगों ने इस अभियान का नेतृत्व किया, उनके लिए आज नई सुबह है। बहुत सारे लोगों के लिए यह उम्मीद का एक आश्चर्यजनक क्षण है, जिन्होंने इस बारे में कभी नहीं सोचा था। बहुत सारे ऐसे समूह थे, जिन्हें लगता था कि यह राजनीतिक गतिरोध कभी खत्म नहीं होगा। बहुत से ऐसे लोग भी हैं, जो नुकसान जैसा महसूस कर रहे हैं। मैं उन सभी की भावनाओं को समझता हूं। यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं देश के सभी लोगों को साथ लेकर चलूं।

ब्रिटेन 2020 के आखिर तक ईयू की आर्थिक व्यवस्था में बना रहेगा
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ईयू से अलग होने के बाद अब ब्रिटेन के लिएअब ट्रांजीशन अवधि शुरू हो गई है,जो इस साल के अंत तक चलेगी। इस दौरान बदलाव के बाद भी कई पुराने कानून पहले की तरह ही रहेंगे। जैसे दिसंबर तक लोगों की आवाजाही बनी रहेगी। इस दौरान ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार व्यवस्था बनाने की कोशिश की जाएगी।ब्रिटेन 2020 के आखिर तक ईयू की आर्थिक व्यवस्था में बना रहेगा, लेकिन उसका नीतिगत मामलों में कोई दखल नहीं होगा।

क्या है ब्रेग्जिट?

ब्रिटेन के ईयू से बाहर होने को ही ब्रेग्जिट कहा गया। ईयू में 28 यूरोपीय देशों की आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए ईयू बना था। सोच यह थी कि जो देश साथ में व्यापार करेंगे, वो आपस में युद्ध से बचेंगे। ईयू की अपनी मुद्रा यूरो है, 19 सदस्य देश इसका इस्तेमाल करते हैं। ब्रिटेन 1973 में ईयू से जुड़ा था।

जरूरत क्यों?

ब्रिटेन की यूरोपियन यूनियन में कभी चली ही नहीं। इसके उलट ब्रिटेन के लोगों की जिंदगियों पर ईयू का नियंत्रण ज्यादा है। वह व्यापार के लिए ब्रिटेन पर कई शर्तें लगाता है। ब्रिटेन के राजनीतिक दलों को लगता है कि अरबों पाउंड सालाना सदस्यता फीस देने के बाद भी ब्रिटेन को इससे बहुत फायदा नहीं होता। इसलिए ब्रेग्जिट की मांग उठी थी।

पारंपरिक गीत के साथ विदाई

ईयू की संसद में ब्रेग्जिट के लिए मतदान के दौरान भावुक करने वाला माहौल रहा। मतदान के बाद सांसदों ने ब्रिटेन के लिए पारंपरिक गीत गाया। ईयू प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन ने ब्रिटेन के चर्चित लेखक जॉर्ज इलियट की पंक्तियां दोहराते हुए कहा- ‘‘अलग होने के दुख में ही हम अपने प्रेम की गहराई को देखते हैं।’’ ब्रिटिश सांसदों ने कहा कि हम इस टीम में वापस आएंगे, लॉन्ग लिव यूरोप। वहीं कहीं-कहीं पर ब्रेग्जिट पूरा होने की खुशी भी दिखी।

असर

ब्रिटेन पर: प्रति व्यक्ति बोझ 68 हजार रुपए
ब्रेग्जिट से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को हर साल 53 हजार करोड़ रु. का नुकसान होगा। थिंक टैंक रैंड यूरोप और जर्मनी के बैर्टेल्समन फाउंडेशन के ताजा शोध में बताया गया है कि ईयू से बाहर होने पर ब्रिटेन में वस्तु और सेवाओं पर टैक्स लगेगा। इससे ये महंगी होंगी। लोगों के खर्च बढ़ेंगे। उनकी आय में कमी होगी। इससे लोगों को 45 हजार करोड़ का नुकसान होगा। ब्रिटेन में इसका प्रति व्यक्ति बोझ 68 हजार रु. आएगा। कुछ दिन पहले ही ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट में 2016 से 2020 तक 18.9 लाख करोड़ के नुकसान का अनुमान जताया है। फिलहाल यह 12 लाख करोड़ रु. तक पहुंचा है।

दुनिया पर: जर्मनी-फ्रांस की जीडीपी बढ़ेगी
ब्रिटेन के अलह होने से यूरोपियन यूनियन की अर्थव्यवस्था पर भी असर होगा। फिलहाल वैश्विक अर्थव्यवस्था में ईयू की हिस्सेदारी 22% है। ब्रिटेन के हटने पर 18% रह जाएगी। ईयू की आबादी में भी 13% की गिरावट आएगी। वहीं ईयू में जर्मनी की जीडीपी 20% से बढ़कर 25% वहीं फ्रांस की 15 से बढ़कर 18% हो जाएगी। अमेरिका भी फायदे में रहेगा। ब्रिटेन ईयू की अर्थव्यवस्था में 1.50 लाख करोड़ रुपए का योगदान देता है। ईयू अब ब्रिटेन को रियायतें भी नहीं देगा।

भारत पर: एफटीए होने से बड़ा बाजार मिलेगा

  • ब्रिटेन में निवेश करने वाला भारत तीसरा बड़ा देश है। ब्रिटेन में 800 से ज्यादा भारतीय कंपनियां हैं, जो 1.10 लाख लोगों को रोजगार देती हैं। ब्रिटिश मुद्रा पाउंड की कीमत घटने से इनके मुनाफे पर असर होगा।
  • यूरोप ने नए नियम बनाए तो भारतीय कंपनियों को नए करार करने होंगे। इससे खर्च बढ़ेगा और अलग-अलग देशों के नियम-कानूनों से जूझना होगा।
  • ब्रिटेन से मुक्त व्यापार समझौता हो सकता है। इससे भारत का निर्यात बढ़ने का अनुमान है। ईयू से इस मामले में सहमति नहीं बनी थी।
  • ब्रिटेन सेंट्रल मार्केट है। पुर्तगाल, ग्रीस जैसे कई देश वहां से सामान ले जाते हैं। ब्रिटेन के साथ एफटीए होने से भारत को विशाल बाजार मिलेगा।


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यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद ग्लासगो में जॉर्ज स्क्वायर में जश्न मनाते ब्रेग्जिट समर्थक।
स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग में खुशियां मनाते ब्रेग्जिट समर्थक।


source https://www.bhaskar.com/international/news/britain-formally-leaves-eu-ending-47-year-long-membership-126644126.html

कांग्रेस ने कहा- वित्त मंत्री को बजट पेश किए जाने से पहले अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए माफी मांगनी चाहिए

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को 2020-21 का आम बजट पेश करेंगी। इससे पहले कांग्रेस ने कहा कि 2020 के बजट मेंबढ़ती बेरोजगारी, बढ़ती किसान आत्महत्याएं,गरीबी से हो रही आत्महत्याएं, ईंधन की बढ़ती कीमतें, बढ़ती महंगाई, बढ़तीलागतें, बढ़ती बैंक धोखाधड़ी को गोली मारी जानी चाहिए। साथ ही कहा कि देश की खराब हुई अर्थव्यवस्था के लिए भी वित्त मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

मध्यम वर्ग को बचत केलिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए: कांग्रेस

कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा- वित्त मंत्री को बजट पेश करने से पहले अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। इस बार के बजट में रोजगार बढ़ाने के लिए योजनाएं लाई जानी चाहिए। मध्यम वर्ग को बचत केलिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले साल के बजट पर गौर करें तो बेरोजगारी काफी बढ़ी है। आय में गिरावट आई है। निवेश में कमी आई है। जीडीपी भी घट गई है।



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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।


source https://www.bhaskar.com/national/news/nirmala-sitharaman-budget-2020-latest-reaction-congress-ncp-shiv-sena-updates-narendra-modi-govt-union-budget-126648368.html

राष्ट्रपति ने दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज की, दोषी पवन के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका के विकल्प

नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को निर्भया के गुनहगारों में से एक विनय शर्मा की दया याचिका खारिज कर दी। इससे पहले शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगाई थी। दरअसल, अदालत ने इस मामले पर सुनवाई की थी कि निर्भया के गुनहगारों को डेथ वॉरंट के हिसाब से 1 फरवरी (शनिवार) को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाए या नहीं।

वहीं, दोषियों में शामिल अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान तिहाड़ प्रशासन ने कहा था कि चार दोषियों में से सिर्फ विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। ऐसे में दोषियों को अलग-अलग फांसी दे सकते हैं। तीन दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय को 1 फरवरी को फांसी पर लटकाया जा सकता है।

चारों दोषियों की अभी क्या स्थिति

  • मुकेश सिंह और विनय शर्मा के दोनों विकल्प (क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका) खत्म हो चुके हैं।
  • अक्षय सिंह ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है। उसने दया याचिका दायर नहीं की है।
  • पवन गुप्ता ने न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है।


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President rejects mercy plea of convict Vinay Sharma,


source /national/news/2012-delhi-gang-rape-case-the-president-of-india-rejects-mercy-plea-of-convict-vinay-sharma-126648503.html

कांग्रेस ने कहा- वित्त मंत्री को बजट पेश किए जाने से पहले अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए माफी मांगनी चाहिए

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को 2020-21 का आम बजट पेश करेंगी। इससे पहले कांग्रेस ने कहा कि 2020 के बजट मेंबढ़ती बेरोजगारी, बढ़ती किसान आत्महत्याएं,गरीबी से हो रही आत्महत्याएं, ईंधन की बढ़ती कीमतें, बढ़ती महंगाई, बढ़तीलागतें, बढ़ती बैंक धोखाधड़ी को गोली मारी जानी चाहिए। साथ ही कहा कि देश की खराब हुई अर्थव्यवस्था के लिए भी वित्त मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

मध्यम वर्ग को बचत केलिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए: कांग्रेस

कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा- वित्त मंत्री को बजट पेश करने से पहले अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। इस बार के बजट में रोजगार बढ़ाने के लिए योजनाएं लाई जानी चाहिए। मध्यम वर्ग को बचत केलिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले साल के बजट पर गौर करें तो बेरोजगारी काफी बढ़ी है। आय में गिरावट आई है। निवेश में कमी आई है। जीडीपी भी घट गई है।



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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।


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रविशंकर प्रसाद ने कहा- शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत को तैयार हूं; नागरिकता कानून को लेकर शंकाएं दूर करूंगा

नई दिल्ली. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को सीएए को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ बातचीत का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने ट्वीट किया कि वह तय रूपरेखा के तहत शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत की जाएगी। इस दौरान उनकी सीएए को लेकर शंकाएं भी दूर की जाएगी। शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ 15 दिसंबर से प्रदर्शन चल रहा है।

इससे पहले, गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक चुनावी रैली के दौरान सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि बाबरपुर में ईवीएम का बटन इतने गुस्से के साथ दबाना कि करंट शाहीन बाग के अंदर लगे। वहीं, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा था- सत्ता में आए तो सरकारी जमीन पर बनी मस्जिदें हटा देंगे, एक घंटे में शाहीन बाग भी साफ हो जाएगा।

दिल्ली में 20 से ज्यादा जगहों पर सीएए को लेकर प्रदर्शन हो रहा है

दिल्ली में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की जगहें लगातार बढ़ रही हैं। शाहीन बाग और जामिया यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ विरोध दिल्ली में 20 जगहों तक पहुंच चुका है।दक्षिण पूर्व जिला में गेट-7 जामिया यूनिवर्सिटी, शाहीन बाग रोड नंबर 13, लाला लाजपत राय मार्ग निजामुद्दीन, दक्षिण जिला में दांडी पार्क हौज रानी मालवीय नगर, मध्य जिला में तुर्कमान गेट, उत्तर जिला में इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन के पास, डेयरी वाला पार्क आजाद मार्केट जंगल वाली मस्जिद, शाही ईदगाह के ईस्ट गेट पर विरोध प्रदर्शन लगातार चल रहे हैं।



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रविशंकर प्रसाद ने कहा- प्रदर्शनकारियों के साथ तय रूपरेखा के तहत ही बातचीत होगी।


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5 साल बाद शनिवार को बीएसई पर ट्रेडिंग होगी, बजट की वजह से बाजार खुलेगा

मुंबई. बजट की वजह से आज शेयर बाजार में शनिवार होने के बावजूद ट्रेडिंग होगी। बताया जा रहा है कि बाजार से जुड़े लोगों की अपील पर यह फैसला लिया गया। क्योंकि, बजट की घोषणाओं से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव आते हैं। 2015 में भी बजट के दिन शनिवार होने के बावजूद बीएसई पर ट्रेडिंग हुई थी। सामान्य तौर पर शनिवार-रविवार को शेयर बाजार बंद रहता है।

शेयर बाजार से जुड़े ऐलान संभव
सरकार लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में राहत दे सकती है। शेयर खरीदने के एक साल बाद बेचने पर अगर एक लाख रुपए से ज्यादा मुनाफा होता है उस पर अभी 10% टैक्स लगता है। ऐसी अटकलें हैं कि इस टैक्स को खत्म किया जा सकता है या फिर इसका समय बढ़ाकर 2 साल किया जा सकता है। डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स के नियमों में भी बदलाव किए जा सकते हैं।

पिछले साल सरकार ने सुपर रिच पर सरचार्ज बढ़ाया, बाद में फैसला वापस लिया
बजट के दिन सेक्टर विशेष के लिए जो घोषणाएं होती हैं उनका सेक्टर विशेष की कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ता है। मोदी सरकार के पिछले 6 पूर्ण बजटों की बात करें तो बजट के दिन 4 बार शेयर बाजार नुकसान में रहा। पिछले साल 5 जुलाई को बजट पेश किया गया था। उस दिन सेंसेक्स 1% और निफ्टी 1.14% नुकसान में रहा था। पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुपर रिच पर सरचार्ज बढ़ाने का ऐलान किया था। विदेशी निवेशकों को भी इसके दायरे में माना गया। इससे बाजार में गिरावट बढ़ गई थी। हालांकि, सरकार ने कुछ दिनों बाद सरचार्ज बढ़ोतरी का फैसला वापस ले लिया था।



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BSE Sensex Today Budget 2020 | Stock Market Nirmala Sitharaman Budget 2020 Announcement News Updates On Share Stock Market Trade BSE, Nifty, Sensex Live News Updates


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पहला आयकर कानून 160 साल पहले बना था; तब 200 रुपए से ज्यादा की कमाई पर टैक्स लगता था, सेना-पुलिस अफसरों को छूट थी

नई दिल्ली.देश में इनकम टैक्स का पहला कानून 160 साल पहले आया था। 1860 में अंग्रेज अफसर जेम्स विल्सन ने पहला बजट पेश किया था। इसी में इनकम टैक्स कानून को जोड़ा गया था। देश के पहले बजट में 200 रुपए तक की सालाना कमाई वालों को इनकम टैक्स में छूट दी गई थी।अभी देश में 1961 का आयकर कानून लागू है। इसमें समय-समय पर संशोधन होते रहते हैं।


1860 में 200 रुपए से ज्यादा की कमाई पर 4% तक टैक्स लगता था
देश के पहले बजट में 200 रुपए से 500 रुपए तक की सालाना आय वालों पर 2% और 500 रुपए से ज्यादा कमाई पर 4% टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया था। इनकम टैक्स कानून में सेना, नौसेना और पुलिस कर्मचारियों को छूट दी गई थी। हालांकि, उस समय ज्यादातर कर्मचारी अंग्रेज ही थे। सेना के कैप्टन का वेतन 4,980 रुपए और नौसेना के लेफ्टिनेंट का 2,100 रुपए था। हालांकि, इनकम टैक्स का कानून का उस समय कड़ा विरोध हुआ था। उस समय के मद्रास प्रांत के गवर्नर सर चार्ल्स टेवेलियन ने भी विरोध किया था। विल्सन का ये कानून ब्रिटेन के इनकम टैक्स कानून की तरह ही था। ब्रिटेन में 1798 में तत्कालीन प्रधानमंत्री विलियम पिट ने भी सेना का खर्च निकालने के लिए इनकम टैक्स कानून बनाया था।


1858 में भारत में ब्रिटिश सरकार का राज शुरू हो गया
1857 में भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का राज था। भारतीय सैनिकों ने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत कर दी। इससे देशभर में आंदोलन छिड़ गया। इससे निपटने के लिए अंग्रेजों ने अपनी सेना के खर्च में बेहिसाब बढ़ोतरी कर दी। 1856-57 में अंग्रेजों ने सेना पर 1 करोड़ 14 लाख पाउंड खर्च किए थे। यह खर्च 1857-58 में बढ़ाकर 2 करोड़ 10 लाख पाउंड तक कर दिया गया। उस जमाने में 1 पाउंड 10 रुपए के बराबर हुआ करता था। एक नवंबर 1858 में ब्रिटेन की तत्कालीन महारानी विक्टोरिया ने घोषणा की थी कि अब भारत में ब्रिटिश सरकार की ही हुकूमत होगी। इसी दौरान 'द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1858' आया। इस कानून के प्रावधानों के मुताबिक भारत के सभी आर्थिक मामलों का नियंत्रण भारत के पहले मंत्री (सेक्रेटरी ऑफ स्टेट) चार्ल्स वुड के हाथों में आ गया।


1857 की क्रांति में अंग्रेजों को नुकसान हुआ, तो इनकम टैक्स लगाया
1857 की क्रांति की वजह से 1859 में इंग्लैंड का कर्ज 8 करोड़ 10 लाख पाउंड पहुंच गया। इस समस्या से निपटने के लिए ब्रिटेन ने नवंबर 1859 में जेम्स विल्सन को भारत भेजा। विल्सन ब्रिटेन के चार्टर्ड स्टैंडर्ड बैंक के संस्थापक और अर्थशास्त्री थे। उन्हें भारत में वायसराय लॉर्ड कैनिंग की काउंसिल में फाइनेंस मेंबर (वित्त मंत्री) बना दिया गया। विल्सन ने 18 फरवरी 1860 को भारत का पहला बजट पेश किया। पहले ही बजट में पहली बार तीन टैक्स का प्रस्ताव दिया गया। पहला- इनकम टैक्स, दूसरा- लाइसेंस टैक्स और तीसरा- तंबाकू टैक्स। इन तीनों टैक्सों की घोषणा करते समय विल्सन ने मनुस्मृति का उदाहरण देते हुए कहा कि उनका ये कदम 'इंडियन' नहीं बल्कि 'भारतीय' ही है।

ब्रिटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन। इन्होंने ब्रिटेन में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की स्थापना की थी। वे द इकोनॉमिस्ट मैगजीन के भी फाउंडर थे।


प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है इनकम टैक्स का जिक्र

  • मनुस्मृतिमें आयकर के बारे में लिखा है कि शास्त्रों के अनुसार राजा कर लगा सकता है। करों का संबंध प्रजा की आय और व्यय से होना चाहिए। राजा को हद से ज्यादा कर लगाने से बचना चाहिए। करों की वसूली की ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि प्रजा अदायगी करते समय कठिनाई महसूस न करें।
  • मनुस्मृति के अलावा 2300 साल पहले लिखे गए 'कौटिल्य अर्थशास्त्र' में भी आयकर का उल्लेख मिलता है। कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में लिखा था- सरकार (राजा) की सत्ता, उसके राजकोष की मजबूती पर निर्भर करती है। राजस्व और कर सरकार के लिए आय है, जो उसे अपनी जनता (प्रजा) की सेवा, सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मिलती है।

द इकोनॉमिस्ट मैग्जीन के फाउंडर थे जेम्स विल्सन
जेम्स विल्सन का जन्म 3 जून 1805 को स्कॉटलैंड में रॉकशायर परगने के होइक गांव में हुआ था। अपने माता-पिता की 15 संतानों में जेम्स चौथे थे। विल्सन का जन्म गरीबी में बीता। इसके बाद जेम्स और उसके छोटे भाई विलियम ने हैट बनाने का बिजनेस शुरू किया जो शुरुआत में सफल रहा। बाद में दोनों भाइयों ने लंदन में काम शुरू किया, लेकिन ज्यादा समय तक नहीं चल सका और कंपनी बंद करनी पड़ी। इसके बाद जेम्स ने 'द इकोनॉमिस्ट' मैग्जीन शुरू की और इसके संपादक-लेखक बन गए। 1844 में जेम्स ने अपनी सारी कमाई द इकोनॉमिस्ट में लगा दी। 'द इकोनॉमिस्ट' आज भी दुनिया की सबसे पॉपुलर मैग्जीन में गिनी जाती है। भारत आने के आठ महीने बाद यानी जुलाई 1860 में जेम्स बीमार हो गए। बीमारी की वजह से 11 अगस्त 1860 को उनका निधन हो गया।


1922 में नया इनकम टैक्स कानून आया, इसके बाद ही आयकर विभाग बना

  • असहयोग आंदोलन के समय 1922 में भारत में नया इनकम टैक्स कानून आया। इसी समय आयकर विभाग के विकास की कहानी भी शुरू हुई। नए कानून में आयकर अधिकारियों को अलग-अलग नाम दिए गए। 1946 में पहली बार परीक्षा के जरिए आयकर अधिकारियों की सीधी भर्ती हुई। इसी परीक्षा को ही 1953 में 'इंडियन रेवेन्यू सर्विस' यानी 'आईआरएस' नाम दिया गया।
  • 1963 तक आय कर विभाग के पास संपत्ति कर, सामान्य कर, प्रवर्तन निदेशालय जैसे प्रशासनिक काम थे। इसलिए 1963 में राजस्व अधिनियम केंद्रीय बोर्ड कानून आया, जिसके तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का गठन किया गया।
  • 1970 तक टैक्स की बकाया राशि वसूल करने का अधिकार विभाग के राज्य प्राधिकारियों के पास था। लेकिन 1972 में टैक्स वसूली के लिए नई विंग बनाई गई और कमिश्नर नियुक्त किए गए। इनकम टैक्स कानून में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं।

(सोर्स : https://ift.tt/1cBhzMi, मिलिंद संगोराम की लिखी किताब 'भारतीय इनकम टैक्स की कहानी')



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Income Tax | Income Tax Year History Timeline [Hindi Updated]; Income tax, law came into force 160 years ago


source https://www.bhaskar.com/db-originals/news/income-tax-160-year-history-timeline-hindi-updated-126610428.html

सीएए के खिलाफ जामिया के सामने 47 दिन से प्रदर्शन जारी, छात्रों के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय की भी भागीदारी

नई दिल्ली. शाहीन बाग की तरह दिल्ली की जामिया मिल्लियाइस्लामिया यूनिवर्सिटी के सामने भी सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। 47 दिन से जामिया के मौजूदा और पूर्व छात्र आंदोलन कर रहे हैं। अब इसमें जामिया नगर का मुस्लिम समुदाय भी शामिल है। शुरुआत में प्रोटेस्ट चंद घंटे होता था। करीब 10 दिन से यह चौबीस घंटे होने लगा। संचालन के लिए 90 लोगों की कोऑर्डिनेशन कमेटी है। दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान भी होना है। दैनिक भास्कर टीम ने जामिया के विरोध प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वहां से ये ग्राउंड रिपोर्ट।

विरोध के विभिन्न तरीके
कोऑर्डिनेशन कमेटी हर दिन का शेड्यूल बनाती है। वो ही यह भी तय करती है कि कब किसको भाषण के लिए बुलाना है। हालांकि, विरोध का तरीका सिर्फ भाषण नहीं हैं। पेंटिंग, शायरी और चरखा चलाकर भी असहमति व्यक्त की जाती है। कुछ बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया है। वो अलग-अलग हावभाव से सीएए-एनआरसी का विरोध करते हैं।

महिलाओं की भूमिका अहम
जामिया मिलिया में करीब 17 हजार छात्र हैं, जिसमें35 फीसदी छात्राएं हैं। पास ही जामिया नगर बस्ती है। यहां की मुस्लिम महिलाएं भी प्रदर्शन में शामिल हैं। वे शिफ्ट में आती हैं। दोपहर 12 से 1.30 और शाम 4 से 7 बजे के बीच प्रदर्शनकारियों की तादाद सबसे ज्यादा होती है। हालांकि, रात होते-होते चंद लोग ही रह जाते हैं। कुछ टेंट हैं। रात में यहां कोऑर्डिनेशन कमेटी के लोग सोते हैं।

रोज करीब दो हजार लोग जुटते हैं
कोऑर्डिनेशन कमेटी के एक सदस्य बताते हैं- जामिया के सामने चल रहे प्रदर्शन में प्रतिदिन करीब 2 हजार लोग शामिल होते हैं। नामी हस्तियां जैसे जोया हसन, अरुंधति रॉय, मेधा पाटकर और संदीप पांडे यहां आंदोलनकारियों को संबोधित कर चुके हैं। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद कुछ छात्रों के मुताबिक, वेपढ़ाई के साथ आंदोलन भी कर रहे हैं। सीएए-एनआरसी के विरोध में करीब एक हजार पोस्टकार्ड राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस को भेजे जा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस उन्हें शांतिपूर्ण रैली की मंजूरी नहीं देती। वे यह भी कहते हैं कि जब तक सीएए कानून वापस नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

30 जनवरी को अफरा-तफरी मची
जामिया के सामने चल रहा यह प्रदर्शन 30 जनवरी को अचानक सुर्खियों में आ गया। दोपहर करीब एक बजे प्रदर्शनकारी राजघाट तक मार्च निकाल रहे थे। मार्च गेट नंबर 1 के सामने पहुंचा। इसी दौरान एक युवक ने फायर कर दिया। एक छात्र घायल हुआ। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। मार्च भी रोक दिया गया। कुछ लोगों ने बैरिकेड्स पार करने की कोशिश की। इन्हें हिरासत में लिया गया। बाद में ये रिहा कर दिए गए। देर रात तक पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी होती रही।

पुलिस के लाइब्रेरी में घुसने के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन
आरोप है कि 15 दिसंबर को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में पुलिस गई। तब परीक्षाएं भी चल रहीं थीं। छात्र इससे नाराज हो गए। बवाल बढ़ा तो परीक्षाओं की तारीख बढ़ाकर सर्दी की छुट्टियोंका ऐलान कर दिया गया। 6 जनवरी को यूनिवर्सिटी खुली। 9 से परीक्षाएं भी शुरू हो गईं। दो दिन बाद वीसी ऑफिस का घेराव हुआ। हालात बिगड़े तो परीक्षाएं फिर आगे बढ़ा दी गईं। 27 जनवरी को ये फिर शुरू हुईं।



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Jamia Protest Today | Jamia CAA Protest Bhaskar Ground Report [Updates]; Jamia Millia Islamia Students, Muslims Community Demonstrate Against Citizenship Amendment Act


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कांग्रेस महासचिव चाको बोले- भाजपा सालों से हिंदू-मुस्लिमों को बांटने की कोशिश कर रही, हर चुनाव में अयोध्या जैसे मुद्दे ले आती है

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान होगा। आम आदमी पार्टी और भाजपा पूरी ताकत के साथ मैदान में हैं। कांग्रेस ने यहां 15 साल सरकार चलाई। हालांकि, इस चुनाव में वो फिलहाल, बहुत मजबूत नजर नहीं आती। दिल्ली चुनाव से जुड़े मुद्दों और कांग्रेस की रणनीति समझने के लिए दैनिक भास्कर टीम ने पार्टी महासचिव पीसीचाको से बातचीत की। भाजपा और आप को लेकर उनका रुख तल्ख था। चाको के मुताबिक, लोग वैसी ही दिल्ली चाहते हैं जो शीला दीक्षित सरकार के वक्त थी।चाको से बातचीत के प्रमुख अंश।

दिल्ली कांग्रेस का गढ़ रही है। इस बार सत्ता कैसे हासिल करेंगे?
चाको: 2013 में हम हारे, तब हालात अलग थे। अन्ना आंदोलन के बाद केजरीवाल की लीडरशिप में एक नया राजनीतिक स्वरूप सामने आया। सभी ने सोचा कि यह भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन है। केजरीवाल का एक्सपेरिमेंट किया गया। उन्हें बहुमत नहीं मिला तो हमने सपोर्ट किया। कोई काम नहीं हुआ। चुनाव हुए तो उन्हें भारी बहुमत मिला। उसके बाद दिल्ली की पिछले 5 साल से स्थिति क्या है? यहां शीला दीक्षित जी के नेतृत्व में 15 साल में जो विकास हुआ था, वो अब नहीं दिखता। खराब पानी, वायू प्रदूषण और ट्रैफिक जाम है। स्थितियां खराब हो चुकी हैं। 6 साल मोदी और 5 साल केजरीवाल ने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया। लोग चाहते हैं कि शीला जी के वक्त रही सरकार फिर बने।

कांग्रेस शाहीन बाग को कैसे देखती है? क्या चुनाव को हिंदू बनाम मुस्लिम रंग देने की कोशिश हो रही है?
चाको:70 साल से बीजेपी हिंदू-मुस्लिम धुव्रीकरण कर रही है। आरएसस, हिंदूमहासभा और जनसंघ का एक ही एजेंडा रहा-हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण। 1947 के बाद हमने भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाने का फैसला किया। हिंदू-मुस्लिम दोनों ही भाजपा को खारिज कर देंगे। उनका ये गेम नहीं चलेगा। वो हर चुनाव में अयोध्या या ऐसे ही मुद्दों को उठाकर ध्रुवीकरण करने की कोशिश करते हैं।

मध्यप्रदेश-राजस्थान में कांग्रेस ने युवा और अनुभवी नेताओं का कॉम्बिनेशन बनाया और जीती। दिल्ली में ऐसा क्यों नहीं? आपका सीएम फेस कौन है?
चाको:छत्तीसगढ़, हरियाणा और झारखंड में हमने किसी को सीएम प्रोजेक्ट नहीं किया। हम पार्टी को प्रोजेक्ट करते हैं। सोनिया जी और राहुल जी नेतृत्व में पार्टी चुनाव लड़ रही है। हमने लोगों के सामने अपना प्रोग्राम रखा है। चुनाव के बाद विधायक सीएम पर फैसला करेंगे।

भाजपा ने भी सीएम कैंडीडेट घोषित नहीं किया। इसे कैसे देखते हैं?
चाको:दिल्ली में भाजपा की परेशानी अलग है। उनकी पार्टी में अंदरूनी लड़ाई है। सीएम कैंडिडेट चुनने के लिए उन्होंने पांच मीटिंग कीं। कुछ तय नहीं हुआ। लोकसभा में मोदी जी के नेतृत्व में उन्होंने सभी सात सीट जीतीं। इस चुनाव में उनका एक सीट जीतना भी तय नहीं है। ‘आप’ भी सिर्फ मार्केटिंग कर रही है। बिजली-पानी का फायदा सिर्फ 20 फीसदी लोगों को मिल रहा है। हम इन योजनाओं का समर्थन करते हैं, लेकिन फायदा सभी को मिलना चाहिए। भाजपा-आप से परेशान लोग अब कांग्रेस का इंतजार कर रहे हैं।

किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो क्या गठबंधन सरकार बनाएंगे?
चाको:हमारी पॉलिसी पूरे देश में गठबंधन करना है। जो भाजपा के खिलाफ है, उसके साथ गठबंधन करना हमारी पॉलिसी है। दिल्ली में ऐसी जरूरत नहीं, क्योंकि यहां हम अपने दम पर बहुमत हासिल करेंगे।

'आप' की फ्री की योजनाओं के मुकाबले कांग्रेस क्या करेगी?
चाको:हमारे दो जरूरी पॉइंट हैं। विकास और लोक कल्याणकारी योजनाएं। आप ने बिजली-पानी फ्री किया,लेकिनलोगों को ज्यादा छूट मिलना चाहिए। हम वरिष्ठ नागरिकों को शीला पेंशन योजना और बेरोजगारों को भत्ता देना चाहते हैं। सत्ता में आए तो वायु प्रदूषण को खत्म करके हवा की गुणवत्ता ठीक करेंगे। ट्रैफिक सुधारेंगे। दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो चुकीहै। इसे सही करेंगे। कांग्रेस का सत्ता में आना जरूरी है।



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PC Chacko; Congress PC Chacko Interview To Bhaskar; Speaks On Arvind Kejriwal, BJP Ayodhya Ram Mandir Issues Over Delhi Vidhan Sabha Chunav 2020


source https://www.bhaskar.com/election/delhi-election/news/congress-pc-chacko-interview-to-bhaskar-speaks-on-arvind-kejriwal-bjp-ayodhya-ram-mandir-issue-over-delhi-vidhan-sabha-election-2020-126646965.html

कांग्रेस महासचिव चाको बोले- भाजपा सालों से हिंदू-मुस्लिमों को बांटने की कोशिश कर रही, हर चुनाव में अयोध्या जैसे मुद्दे ले आती है

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान होगा। आम आदमी पार्टी और भाजपा पूरी ताकत के साथ मैदान में हैं। कांग्रेस ने यहां 15 साल सरकार चलाई। हालांकि, इस चुनाव में वो फिलहाल, बहुत मजबूत नजर नहीं आती। दिल्ली चुनाव से जुड़े मुद्दों और कांग्रेस की रणनीति समझने के लिए दैनिक भास्कर टीम ने पार्टी महासचिव पीसीचाको से बातचीत की। भाजपा और आप को लेकर उनका रुख तल्ख था। चाको के मुताबिक, लोग वैसी ही दिल्ली चाहते हैं जो शीला दीक्षित सरकार के वक्त थी।चाको से बातचीत के प्रमुख अंश।

दिल्ली कांग्रेस का गढ़ रही है। इस बार सत्ता कैसे हासिल करेंगे?
चाको: 2013 में हम हारे, तब हालात अलग थे। अन्ना आंदोलन के बाद केजरीवाल की लीडरशिप में एक नया राजनीतिक स्वरूप सामने आया। सभी ने सोचा कि यह भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन है। केजरीवाल का एक्सपेरिमेंट किया गया। उन्हें बहुमत नहीं मिला तो हमने सपोर्ट किया। कोई काम नहीं हुआ। चुनाव हुए तो उन्हें भारी बहुमत मिला। उसके बाद दिल्ली की पिछले 5 साल से स्थिति क्या है? यहां शीला दीक्षित जी के नेतृत्व में 15 साल में जो विकास हुआ था, वो अब नहीं दिखता। खराब पानी, वायू प्रदूषण और ट्रैफिक जाम है। स्थितियां खराब हो चुकी हैं। 6 साल मोदी और 5 साल केजरीवाल ने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया। लोग चाहते हैं कि शीला जी के वक्त रही सरकार फिर बने।

कांग्रेस शाहीन बाग को कैसे देखती है? क्या चुनाव को हिंदू बनाम मुस्लिम रंग देने की कोशिश हो रही है?
चाको:70 साल से बीजेपी हिंदू-मुस्लिम धुव्रीकरण कर रही है। आरएसस, हिंदूमहासभा और जनसंघ का एक ही एजेंडा रहा-हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण। 1947 के बाद हमने भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाने का फैसला किया। हिंदू-मुस्लिम दोनों ही भाजपा को खारिज कर देंगे। उनका ये गेम नहीं चलेगा। वो हर चुनाव में अयोध्या या ऐसे ही मुद्दों को उठाकर ध्रुवीकरण करने की कोशिश करते हैं।

मध्यप्रदेश-राजस्थान में कांग्रेस ने युवा और अनुभवी नेताओं का कॉम्बिनेशन बनाया और जीती। दिल्ली में ऐसा क्यों नहीं? आपका सीएम फेस कौन है?
चाको:छत्तीसगढ़, हरियाणा और झारखंड में हमने किसी को सीएम प्रोजेक्ट नहीं किया। हम पार्टी को प्रोजेक्ट करते हैं। सोनिया जी और राहुल जी नेतृत्व में पार्टी चुनाव लड़ रही है। हमने लोगों के सामने अपना प्रोग्राम रखा है। चुनाव के बाद विधायक सीएम पर फैसला करेंगे।

भाजपा ने भी सीएम कैंडीडेट घोषित नहीं किया। इसे कैसे देखते हैं?
चाको:दिल्ली में भाजपा की परेशानी अलग है। उनकी पार्टी में अंदरूनी लड़ाई है। सीएम कैंडिडेट चुनने के लिए उन्होंने पांच मीटिंग कीं। कुछ तय नहीं हुआ। लोकसभा में मोदी जी के नेतृत्व में उन्होंने सभी सात सीट जीतीं। इस चुनाव में उनका एक सीट जीतना भी तय नहीं है। ‘आप’ भी सिर्फ मार्केटिंग कर रही है। बिजली-पानी का फायदा सिर्फ 20 फीसदी लोगों को मिल रहा है। हम इन योजनाओं का समर्थन करते हैं, लेकिन फायदा सभी को मिलना चाहिए। भाजपा-आप से परेशान लोग अब कांग्रेस का इंतजार कर रहे हैं।

किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो क्या गठबंधन सरकार बनाएंगे?
चाको:हमारी पॉलिसी पूरे देश में गठबंधन करना है। जो भाजपा के खिलाफ है, उसके साथ गठबंधन करना हमारी पॉलिसी है। दिल्ली में ऐसी जरूरत नहीं, क्योंकि यहां हम अपने दम पर बहुमत हासिल करेंगे।

'आप' की फ्री की योजनाओं के मुकाबले कांग्रेस क्या करेगी?
चाको:हमारे दो जरूरी पॉइंट हैं। विकास और लोक कल्याणकारी योजनाएं। आप ने बिजली-पानी फ्री किया,लेकिनलोगों को ज्यादा छूट मिलना चाहिए। हम वरिष्ठ नागरिकों को शीला पेंशन योजना और बेरोजगारों को भत्ता देना चाहते हैं। सत्ता में आए तो वायु प्रदूषण को खत्म करके हवा की गुणवत्ता ठीक करेंगे। ट्रैफिक सुधारेंगे। दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो चुकीहै। इसे सही करेंगे। कांग्रेस का सत्ता में आना जरूरी है।



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PC Chacko; Congress PC Chacko Interview To Bhaskar; Speaks On Arvind Kejriwal, BJP Ayodhya Ram Mandir Issues Over Delhi Vidhan Sabha Chunav 2020


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सीएए के खिलाफ जामिया के सामने 47 दिन से प्रदर्शन जारी, छात्रों के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय की भी भागीदारी

नई दिल्ली. शाहीन बाग की तरह दिल्ली की जामिया मिल्लियाइस्लामिया यूनिवर्सिटी के सामने भी सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। 47 दिन से जामिया के मौजूदा और पूर्व छात्र आंदोलन कर रहे हैं। अब इसमें जामिया नगर का मुस्लिम समुदाय भी शामिल है। शुरुआत में प्रोटेस्ट चंद घंटे होता था। करीब 10 दिन से यह चौबीस घंटे होने लगा। संचालन के लिए 90 लोगों की कोऑर्डिनेशन कमेटी है। दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान भी होना है। दैनिक भास्कर टीम ने जामिया के विरोध प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वहां से ये ग्राउंड रिपोर्ट।

विरोध के विभिन्न तरीके
कोऑर्डिनेशन कमेटी हर दिन का शेड्यूल बनाती है। वो ही यह भी तय करती है कि कब किसको भाषण के लिए बुलाना है। हालांकि, विरोध का तरीका सिर्फ भाषण नहीं हैं। पेंटिंग, शायरी और चरखा चलाकर भी असहमति व्यक्त की जाती है। कुछ बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया है। वो अलग-अलग हावभाव से सीएए-एनआरसी का विरोध करते हैं।

महिलाओं की भूमिका अहम
जामिया मिलिया में करीब 17 हजार छात्र हैं, जिसमें35 फीसदी छात्राएं हैं। पास ही जामिया नगर बस्ती है। यहां की मुस्लिम महिलाएं भी प्रदर्शन में शामिल हैं। वे शिफ्ट में आती हैं। दोपहर 12 से 1.30 और शाम 4 से 7 बजे के बीच प्रदर्शनकारियों की तादाद सबसे ज्यादा होती है। हालांकि, रात होते-होते चंद लोग ही रह जाते हैं। कुछ टेंट हैं। रात में यहां कोऑर्डिनेशन कमेटी के लोग सोते हैं।

रोज करीब दो हजार लोग जुटते हैं
कोऑर्डिनेशन कमेटी के एक सदस्य बताते हैं- जामिया के सामने चल रहे प्रदर्शन में प्रतिदिन करीब 2 हजार लोग शामिल होते हैं। नामी हस्तियां जैसे जोया हसन, अरुंधति रॉय, मेधा पाटकर और संदीप पांडे यहां आंदोलनकारियों को संबोधित कर चुके हैं। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद कुछ छात्रों के मुताबिक, वेपढ़ाई के साथ आंदोलन भी कर रहे हैं। सीएए-एनआरसी के विरोध में करीब एक हजार पोस्टकार्ड राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस को भेजे जा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस उन्हें शांतिपूर्ण रैली की मंजूरी नहीं देती। वे यह भी कहते हैं कि जब तक सीएए कानून वापस नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

30 जनवरी को अफरा-तफरी मची
जामिया के सामने चल रहा यह प्रदर्शन 30 जनवरी को अचानक सुर्खियों में आ गया। दोपहर करीब एक बजे प्रदर्शनकारी राजघाट तक मार्च निकाल रहे थे। मार्च गेट नंबर 1 के सामने पहुंचा। इसी दौरान एक युवक ने फायर कर दिया। एक छात्र घायल हुआ। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। मार्च भी रोक दिया गया। कुछ लोगों ने बैरिकेड्स पार करने की कोशिश की। इन्हें हिरासत में लिया गया। बाद में ये रिहा कर दिए गए। देर रात तक पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी होती रही।

पुलिस के लाइब्रेरी में घुसने के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन
आरोप है कि 15 दिसंबर को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में पुलिस गई। तब परीक्षाएं भी चल रहीं थीं। छात्र इससे नाराज हो गए। बवाल बढ़ा तो परीक्षाओं की तारीख बढ़ाकर सर्दी की छुट्टियोंका ऐलान कर दिया गया। 6 जनवरी को यूनिवर्सिटी खुली। 9 से परीक्षाएं भी शुरू हो गईं। दो दिन बाद वीसी ऑफिस का घेराव हुआ। हालात बिगड़े तो परीक्षाएं फिर आगे बढ़ा दी गईं। 27 जनवरी को ये फिर शुरू हुईं।



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Jamia Protest Today | Jamia CAA Protest Bhaskar Ground Report [Updates]; Jamia Millia Islamia Students, Muslims Community Demonstrate Against Citizenship Amendment Act


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8 सालों में 4 पार्टियों की जीत के सूत्रधार, कभी यूएन में पब्लिक हेल्थ का काम देखते थे ‘पीके’

दिल्ली. 43 साल के प्रशांत किशोर पांडेय उर्फ पीके देश के सबसे बड़े चुनावी-राजनीतिज्ञ (पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट) हैं। बीते आठ सालों में देश में हुए लोकसभा और विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले उनके बारे में चर्चा होती है कि वह किसके साथ हैं। लेकिन हालिया सुर्खियों की वजह कुछ और है। बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के उपाध्यक्ष पीके को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

16 सितंबर 2018 को ही उन्होंने जेडीयू का दामन थामा था। इससे पहले वह सलाहकार की भूमिका में थे। पार्टी जॉइन करने के साथ ही वह पार्टी में नंबर दो हो गए थे। सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर वह पार्टी के पक्ष से इतर बयान दे रहे थे।

यहां तक कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार को मूर्ख तक कह दिया था। फिलहाल पीके की चुनावी रणनीतिज्ञ कंपनी आई-पेक (इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी) दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार प्रबंधन का जिम्मा संभाल रही है।


बिहार के बक्सर से ताल्लुक रखने वाले प्रशांत की प्राथमिक शिक्षा बिहार के सरकारी स्कूल में हुई। उन्होंने बारहवीं के बाद तीन साल के लिए पढ़ाई छोड़ दी थी। पटना साइंस कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में ग्रैजुएशन (स्टैटिसटिक्स) में प्रवेश लिया, लेकिन बीमारी के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी।

बाद में लखनऊ से ग्रैजुएशन और फिर पोस्ट ग्रैजुएशन पूरी की। ग्रैजुएशन के बाद दो साल खाली रहे। पीके ने पीजी के बाद यूएन के हैदराबाद ऑफिस में नौकरी शुरू की। यूएन के पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के लिए वह बिहार गए, यहां दो साल रहे। उनके काम को देखते हुए दिल्ली स्थित यूएन के इंडिया कंट्री ऑफिस में प्रमोशन मिला, फिर जिनेवा ट्रासंफर हो गया।

प्रशांत ने जिनेवा में रहते हुए फील्ड पोस्टिंग के लिए आग्रह किया और मध्य अफ्रीकी देश चाड में डिवीज़न हैड के तौर पर चार साल रहे। इस दौरान उन्होंने फ्रेंच भी सीखी। प्रशांत को कुछ समय पहले फोर्ब्स इंडिया ने देश के टॉप 20 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किया है। प्रशांत के परिवार में पिता डॉ. श्रीकांत पांडे, पत्नी और दो बच्चे हैं। परिवार दिल्ली में रहता है।

नरेंद्र मोदी के साथ जींस-टीशर्ट में दिख रहे प्रशांत की यह तस्वीर 2013 की है। अब वह अक्सर नेताओं वाली पोशाक सफेद कुर्ते पायजामे में नज़र आते हैं। रंगों के मनोविज्ञान को भी पीके बखूबी समझते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार चुनावों में नीतीश के लिए उन्होंने सुर्ख लाल रंग कैंपेन में इस्तेमाल किया। इसका कारण वामपंथ वाली छवि बनाने से ग्रामीण वोटर्स को लुभाना था। पंजाब चुनावों में अमरिंदर सिंह के लिए गहरा नीला रंग इस्तेमाल किया। इसके पीछे आस्थावान सिख वोटर्स को लुभाना और अकाली दल को चुनौती देना था।

कब-कब किसकेसाथ जुड़े पीके

2014 लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी की जीत की रणनीति बनाई।
2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी के लिए काम किया। महागठबंधन को जिताने में अहम भूमिका निभाई।
2017 में पंजाब विस चुनावों में कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह की जीत के सूत्रधार बने।
2017 उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए रणनीति बनाई। हालांकि यहां कांग्रेस कुछ खास नहीं कर पाई।
2019 में आंध्रप्रदेश विधानसभा चुनावों में वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी की जीत के पीछे रहे।
2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए इनकी कंपनी आई-पैक काम कर रही।

2011 में पहली बार मोदी के संपर्क में आए
प्रशांत के राजनीतिक रणनीतिज्ञ बनने के सफ़र की शुरुआत 2011 में हुई थी। चाड के बाद जिनेवा शिफ्ट होने से पहले उन्होंने कुपोषण पर एक रिसर्च पेपर लिखा था। इसमें देश के 4 विकसित राज्यों की तुलना थी। इसमें गुजरात में कुपोषण की समस्या के बारे में जि़क्र था। उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। नरेंद्र मोदी ने प्रशांत किशोर को बुलाकर उनसे बात की और भारत वापस आकर यहां काम करने का प्रस्ताव दिया। एक साल बाद प्रशांत भारत आए और नरेंद्र मोदी के साथ सलाहकार की भूमिका में काम शुरू किया। वह पहले उनके भाषण लिखने का काम करते थे। इसके बाद 2014 लोकसभा चुनावों में काम किया।

चाय पर चर्चा जैसे नारे गढ़े
प्रशांत किशोर ने सिटिजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (सीएजी) के माध्यम से 2014 लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी की ब्रांडिंग और चुनाव प्रबंधन किया। हालांकि यह नॉन प्रॉफिट संस्था थी। पीके ने चाय पर चर्चा जैसे नारे गढ़े। मोदी के 3डी होलोग्राम के साथ-साथ फेसबुक पर मोदी को सक्रिय होने के लिए कहा। 2019 में पीके ने कहा था कि वह अब किसी पार्टी के लिए चुनाव प्रबंधन या रणनीति बनाने का काम नहीं करेंगे। हालांकि उनकी कंपनी आई-पैक अभी भी यह काम कर रही है। प्रशांत आई-पैक के मेंटर हैं। वह अभी युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए यूथ इन पॉलिटिक्स जैसे कार्यक्रम चला रहे हैं।



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पीएम नरेंद्र मोदी के साथ प्रशांत किशोर।


source /national/news/the-pioneers-of-the-victory-of-4-parties-in-8-years-once-saw-the-work-of-public-health-in-the-un-pk-126646496.html

कश्मीर आने वाले पर्यटक साल भर में 68% घटे, दिसंबर में आने वाले तो 5 साल में 12 गुना घट गए, 9191 करोड़ का नुकसान भी

गुलमर्ग (इशफाक-उल-हसन).दुनिया की सबसे खूबसूरत पर्वत श्रृंखला, बर्फ से ढंके पहाड़ और सस्ती सुविधाएं दुनिया भर के पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर की तरफ आकर्षित करती हैं। हर साल लाखों लोग कश्मीर की वादियों में घूमने आते हैं और कभी न भूलने वाला अनुभव लेकर जाते हैं। लेकिन अब कश्मीर को ये पर्यटक नसीब नहीं हो पा रहे हैं। राजनीतिक उथल-पुथल इसकी बड़ी वजह है।


हालात ये हैं कि कश्मीर आने वाले पर्यटकों की संख्या 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। वही दिसंबर में आने वाले पर्यटकों की संख्या एक साल में 5 गुना तक घट गई है। जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग के आंकड़ों की मानें, तो कश्मीर आने वाले देश-दुनिया के पर्यटकों की संख्या 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इस दौरान पहली बार इनकी संख्या 5 लाख से नीचे रही है। इसकी वजह यहां लगातार बदलते राजनीतिक हालात हैं। इसका नुकसान पर्यटन क्षेत्र और स्थानीय कारोबारियों को भुगतना पड़ा है। कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक इससे राज्य को कुल 17,800 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इनमें 9,191 करोड़ रुपए का नुकसान तो अकेले पर्यटन क्षेत्र को हुआ है।


2012 में 13 लाख पर्यटक पहुंचे थे: कश्मीर पहुंचने वाले पर्यटकों का आंकड़ा एक साल में पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा 13 लाख पर्यटक 2012 में घाटी में पहुंचे थे। 2011 में 7.36 लाख, जबकि 2010 में करीब 10 लाख टूरिस्ट यहां पहुंचे थे। 2013 और 2014 में लगातार दो साल 11 लाख से ज्यादा पर्यटक जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे।


ट्रैवल एजेंट्स के मुताबिक कश्मीर में अनिश्चितता और अगस्त से इंटरनेट सेवाओं के बंद होने से भी नुकसान हुआ है। कश्मीर टूरिज्म अलायंस के प्रेसिडेंट मंजूर अहमद पख्तून बताते हैं कि इंटरनेट सेवाओं की कमी की वजह से व्यापारिक गतिविधियां कम हो गई हैं। सर्दी और बर्फ चरम पर होने के बावजूद एडवेंचर स्पोर्ट्स भी नहीं हो पा रहे हैं।

दिसंबर में पर्यटकों की संख्या 5 साल में पहली बार 32,000 से कम
दिसंबर महीने में बर्फबारी, एडवेंचर और कश्मीर की खूबसूरती निहारने सबसे ज्यादा टूरिस्ट आते हैं, लेकिन 2019 में यह भारी निराशाजनक रहा। इतना ही नहीं, 5 साल में दिसंबर में पर्यटकों की संख्या 7 हजार से कम रही है। इससे पहले कभी भी दिसंबर में 32 हजार से कम पर्यटक नहीं आते थे।



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प्रतीकात्मक फोटो।


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5 साल बाद शनिवार को बीएसई पर ट्रेडिंग होगी, बजट की वजह से बाजार खुलेगा

मुंबई. बजट की वजह से आज शेयर बाजार में शनिवार होने के बावजूद ट्रेडिंग होगी। बताया जा रहा है कि बाजार से जुड़े लोगों की अपील पर यह फैसला लिया गया। क्योंकि, बजट की घोषणाओं से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव आते हैं। 2015 में भी बजट के दिन शनिवार होने के बावजूद बीएसई पर ट्रेडिंग हुई थी। सामान्य तौर पर शनिवार-रविवार को शेयर बाजार बंद रहता है।

शेयर बाजार से जुड़े ऐलान संभव
सरकार लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में राहत दे सकती है। शेयर खरीदने के एक साल बाद बेचने पर अगर एक लाख रुपए से ज्यादा मुनाफा होता है उस पर अभी 10% टैक्स लगता है। ऐसी अटकलें हैं कि इस टैक्स को खत्म किया जा सकता है या फिर इसका समय बढ़ाकर 2 साल किया जा सकता है। डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स के नियमों में भी बदलाव किए जा सकते हैं।

पिछले साल सरकार ने सुपर रिच पर सरचार्ज बढ़ाया, बाद में फैसला वापस लिया
बजट के दिन सेक्टर विशेष के लिए जो घोषणाएं होती हैं उनका सेक्टर विशेष की कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ता है। मोदी सरकार के पिछले 6 पूर्ण बजटों की बात करें तो बजट के दिन 4 बार शेयर बाजार नुकसान में रहा। पिछले साल 5 जुलाई को बजट पेश किया गया था। उस दिन सेंसेक्स 1% और निफ्टी 1.14% नुकसान में रहा था। पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुपर रिच पर सरचार्ज बढ़ाने का ऐलान किया था। विदेशी निवेशकों को भी इसके दायरे में माना गया। इससे बाजार में गिरावट बढ़ गई थी। हालांकि, सरकार ने कुछ दिनों बाद सरचार्ज बढ़ोतरी का फैसला वापस ले लिया था।



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BSE Sensex Today Budget 2020 | Stock Market Nirmala Sitharaman Budget 2020 Announcement News Updates On Share Stock Market Trade BSE, Nifty, Sensex Live News Updates


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5 साल बाद शनिवार को बीएसई पर ट्रेडिंग होगी, बजट की वजह से बाजार खुलेगा

मुंबई. बजट की वजह से आज शेयर बाजार में शनिवार होने के बावजूद ट्रेडिंग होगी। बताया जा रहा है कि बाजार से जुड़े लोगों की अपील पर यह फैसला लिया गया। क्योंकि, बजट की घोषणाओं से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव आते हैं। 2015 में भी बजट के दिन शनिवार होने के बावजूद बीएसई पर ट्रेडिंग हुई थी। सामान्य तौर पर शनिवार-रविवार को शेयर बाजार बंद रहता है।

शेयर बाजार से जुड़े ऐलान संभव
सरकार लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में राहत दे सकती है। शेयर खरीदने के एक साल बाद बेचने पर अगर एक लाख रुपए से ज्यादा मुनाफा होता है तोउस पर अभी 10% टैक्स लगता है। ऐसी अटकलें हैं कि इस टैक्स को खत्म किया जा सकता है या फिर इसका समय बढ़ाकर 2 साल किया जा सकता है। डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स के नियमों में भी बदलाव किए जा सकते हैं।

पिछले साल सरकार ने सुपर रिच पर सरचार्ज बढ़ाया, बाद में फैसला वापस लिया
बजट के दिन सेक्टर विशेष के लिए जो घोषणाएं होती हैं उनका सेक्टर विशेष की कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ता है। मोदी सरकार के पिछले 6 पूर्ण बजटों की बात करें तो बजट के दिन 4 बार शेयर बाजार नुकसान में रहा। पिछले साल 5 जुलाई को बजट पेश किया गया था। उस दिन सेंसेक्स 1% और निफ्टी 1.14% नुकसान में रहा था। पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुपर रिच पर सरचार्ज बढ़ाने का ऐलान किया था। विदेशी निवेशकों को भी इसके दायरे में माना गया। इससे बाजार में गिरावट बढ़ गई थी। हालांकि, सरकार ने कुछ दिनबाद सरचार्ज बढ़ोतरी का फैसला वापस ले लिया था।



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वुहान से 324 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया का विमान दिल्ली पहुंचा; मानेसर के शिविर में ले जाया जाएगा

बीजिंग/नई दिल्ली. कोरोनावायरस के डर बीच चीन के वुहान में फंसे भारतीय लोगों को लेकर एयर इंडिया का डबल डेकर जंबो 747 विमान दिल्ली पहुंच चुका है। 423 यात्रियों की क्षमता वाले बोइंग बी-747 विशेष विमान ने शुक्रवार देर रात चीन के वुहान से उड़ान भरी थी। इस विमान में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के 5 डॉक्टरों की टीम भी मौजूद थे। भारतीयों को निकालने के लिए चीन के प्रयास की भारत ने सराहना की है।

भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, “चीन के हुबेई प्रांत में रह रहे 324 भारतीय नागरिकों को लेकर एयर इंडिया का विमान शनिवार तड़के वुहान से उड़ान भरी। अधिकांश यात्री भारतीय छात्र थे। हम चीन सरकार को इस प्रयास के लिए धन्यवाद देते हैं।”

गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए सफदरजंग में 50 बेड की व्यवस्था

इससे पहले, वुहान में फंसे भारतीयों को वापस भारत लाने के लिए शुक्रवार को दिल्ली एयरपोर्ट से एक विमान वुहान पहुंचा था। स्वास्थ्य मंत्रालय में विशेष सचिव संजीव कुमार ने बताया कि चीन से 366 लोग शनिवार तड़के भारत पहुंचेंगे। उन्हें एहतियातन 14 दिनों तक दिल्ली के छावला में स्थित आईटीबीपी सेंटर में रखा जाएगा। वहीं, सफदरजंग अस्पताल में भी गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए अलग से 50 बेड का इंतजाम किया गया है।

हरियाणा के मानेसर में सेना ने शिविर बनाया है

हरियाणा के मानेसर में भी चीन से लौटने वाले भारतीयों के लिए सेना ने एक शिविर बनाया है, जिसमें करीब 300 लोगों को रखा जा सकता है। सभी लोग डॉक्टरों की टीम और स्टाफ की निगरानी में रहेंगे। भारतीय सेना के मुताबिक, वुहान से लाए गए सभी भारतीय छात्रों की एयरपोर्ट पर आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज (एएफएमएस) और एयरपोर्ट हेल्थ अथॉरिटी की संयुक्त टीम द्वारा स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद उन्हें मानेसर के शिविर ले जाया जाएगा। कोरोनावायरस से संक्रमित होने पर मरीज को दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।

डब्ल्यूएचओने शुक्रवार को ग्लोबल इमरजेंसी की घोषणा कीथी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को ग्लोबल इमरजेंसी की घोषणा कर दी थी। हालांकि, चीन की यात्रा और किसी भी प्रकार के व्यापार पर रोक नहीं लगाई गई थी। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, भारत समेत 21 देशों में कोरोनावायरस संक्रमण के 100 मामले सामने आए हैं। इनमें चीन, हॉन्गकॉन्ग, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, भारत, श्रीलंका, नेपाल, थाइलैंड, मलेशिया, कंबोडिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, ताइवान, मकाऊ, वियतनाम, यूएई, रूस और ब्रिटेन शामिल हैं।



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Air India aircraft carrying 324 Indians from Wuhan reached Delhi; Will be taken to manesar camp


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दशक का पहला बजट आज, निर्मला सीतारमण दूसरी बार बजट पेश करेंगी; इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद

नई दिल्ली. इस दशक का पहला आम बजट आज पेश होने जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में 11 बजे बजट भाषण देंगी। वे लगातार दूसरी बार बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री होंगी। उनसे पहले इंदिरा गांधी ने एक बार फरवरी 1970 में बजट पेश किया था। 60 वर्षीय निर्मला अपने बजट भाषण में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव का ऐलान कर सकती हैं। टैक्स कंसल्टेंसी फर्म केपीएमजी के प्री-बजट सर्वे के मुताबिक, 18 सेक्टर की 219 कंपनियों में से 82% कंपनियों को लगता है कि इस बार 80सी के तहत डिडक्शन की डेढ़ लाख रुपए की लिमिट बढ़ाई जा सकती है। बजट में नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी का ऐलान भी हो सकता है।

बजट को अंतिम रूप देने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम।

इनकम टैक्स
मौजूदा दर : पिछले साल अंतरिम बजट की घोषणा के मुताबिक 5 लाख रुपए तक टैक्सेबल इनकम टैक्स फ्री है। यह छूट रिबेट के जरिए मिल रही है, लेकिन टैक्स स्लैब 2.5 लाख रुपए से ही शुरू हो रहा है।
मांग : इनकम टैक्स में छूट की लिमिट मौजूदा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए की जाए। यानी इतनी आमदनी वाले इनकम टैक्स के दायरे से पूरी तरह बाहर हो जाएं। उन्हें रिटर्न भरने की भी जरूरत न पड़े। इसके बाद 5 लाख से 10 लाख रुपए इनकम पर टैक्स 20% से घटकर 10% करने की भी मांग है। ऐसा हुआ तो 10 लाख तक की टैक्सेबल इनकम वालों के सालाना 46,800 रुपए बचेंगे।

सभी डिडक्शन के बाद भी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए से ज्यादा है तो यह टैक्स स्लैब लागू हो जाता है-

सालाना आय (रुपए) मौजूदा टैक्स रेट
2.5 लाख तक 0%
2.5 लाख से 5 लाख 5%
5 लाख से 10 लाख 20%
10 लाख से ज्यादा 30%

(टैक्स के ऊपर 4% सेस भी लागू)

नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी का ऐलान हो सकता है
देश में व्यापारिक ट्रांसपोर्टेशन को आसान बनाने के लिए सरकार बजट में नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी का ऐलान कर सकती है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों से हवाले से सोमवार को ये जानकारी दी। इसके मुताबिक वाणिज्य मंत्रालय के लॉजिस्टिक्स डिवीजन ने पॉलिसी पर काम किया है। व्यापारियों के लिए माल ढुलाई का खर्च घटाना इसका मकसद है। इसके लिए एक सेंट्रल पोर्टल बनाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है, ताकि कंपनियों को लॉजिस्टिक्स से जुड़े समाधान मिल सकें।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में राहत की उम्मीद

  • प्रॉपर्टी बिक्री पर कैपिटल गेन्स टैक्स खत्म किया जा सकता है। शेयर निवेशकों के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का समय 1 साल से बढ़ाकर 2 साल किया जा सकता है। निवेशक एक साल तक शेयर रखने के बाद बेचते हैं तो उन्हें 10% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना पड़ता है।डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) की देनदारी का नियम कंपनियों की बजाय शेयरधारकों पर लागू हो सकता है।
  • प्रॉपर्टी बिक्री पर कैपिटल गेन्स टैक्स खत्म होता है तो यह रिएल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छा होगा। अभी नियम है कि प्रॉपर्टी की बिक्री से मिली रकम को 3 साल में फिर से प्रॉपर्टी में ही निवेश नहीं किया तो मुनाफे पर 30% कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होता है। दूसरी ओर कोई 24 महीने में ही प्रॉपर्टी को बेच देता है तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना पड़ता है। 24 महीने बाद 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है। घर की बिक्री से हुए कैपिटल गेन से अधिकतम दो घर खरीद सकते हैं। लेकिन, टैक्स में छूट का दावा करने के लिए कैपिटल गेन 2 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यह छूट जीवन में सिर्फ एक बार ली जा सकती है।

एक्सपर्ट की राय

ज्योति रॉयडीवीपी (इक्विटी स्ट्रैटजिस्ट),एंजेल ब्रोकिंग अर्थव्यवस्था में सुस्ती को देखते हुए सरकार बड़े ऐलान कर सकती है। पिछले कुछ सालों में सख्त नीतियों और आईएलएंडएफएस जैसे संकटों की वजह से जीडीपी ग्रोथ प्रभावित हुई। सितंबर तिमाही में यह 4.5% रह गई। हालांकि, कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का फैसला अहम था, लेकिन इसके असर से निवेश आने में वक्त लगेगा। सरकार बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव के साथ ही हाउसिंग और ऑटो सेक्टर के लिए बड़े ऐलान कर सकती है।
अनंत पद्मनाभन,चेयरमैन (ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल) सोने के गहनों की खरीद पर पैन नंबर देने का नियम 2 लाख की खरीद की बजाय 5 लाख की खरीद पर लागू होना चाहिए। जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री के लिए ईएमआई की सुविधा की दी जानी चाहिए।
जी प्रदीप कुमार,सीईओ (यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी) इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने के लिए सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स घटाने समेत कई फैसले लिए। लेकिन, म्यूचुअल फंड और शेयरों से जुड़े टैक्स पर भी ध्यान देना चाहिए। रिएल एस्टेट और फाइनेंशियल एसेट्स में निवेश बढ़ाने के उपाय करने की भी जरूरत है। 10 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री कर दी जाए तो इकोनॉमी को फायदा हो सकता है। हालांकि, टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर नुकसान होगा, लेकिन इसके फायदों का भी आकलन करना चाहिए।
उदय वर्मा,पूर्व सचिव, एमएसएमई बजट में वित्त मंत्री को एमएसएमई सेक्टर पर ध्यान देना होगा। मैन्युफैक्चरिंग में इस सेक्टर का 40%, एक्सपोर्ट में 35% और देश की कुल जीडीपी में 29% से 30% तक योगदान है। इस सेक्टर का ध्यान रखे बिना इकोनॉमिक स्लोडाउन और बेरोजगारी की चुनौती से निपटना संभव नहीं होगा।


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Nirmala Sitharaman Budget News Today | Nirmala Sitharaman Union AAM Budget 2020 Parliament Live Latest News and Updates On Finance Minister Full Speech, Narendra Modi Government Budget 2020


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34 साल के रोनाल्डो का शरीर 23 साल जैसा, फिटनेस के लिए रोज 5 बार में 8 घंटे की नींद और 6 बार भोजन; माइनस 130 डिग्री में थैरेपी

इटली के क्लब जुवेंतस के लिए खेलने वाले पुर्तगाली फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के इंस्टाग्राम पर 20 करोड़ फॉलोअर्स हो गए हैं। यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के इकलौते शख्स हैं। वे जितने बड़े फुटबॉल खिलाड़ी हैं, उतनी ही अच्छी उनकी फिटनेस भी है। 34 साल की उम्र में उनकी बायोलॉजिकल उम्र महज 23 साल है। वे आगे रहने के लिए खुल को हर पल कैसे री-इंवेंट कर रहे हैं। इस पर नॉलेज रिपोर्ट....

खुद को पॉजिटिव रखने के परिवार के साथ समय बिताते हैं

नींद: कोख में बच्चे जैसीपोजिशन में सोते हैंं
रोनाल्डो आम लोगों की तरह आठ घंटे की नींद लेने की जगह दिनभर में 90-90 मिनट की पांच नींद लेते हैं। साथ ही वे गर्भ में स्थित भ्रूण की स्थिति में सोते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे दिमाग फ्रेश रहता है। एकाग्रता बढ़ती है।

डाइट: दो बार नाश्ता, दो बार लंच और दो बार डिनर

दिनभर में छह बार में खाना खाते हैं। इसमें दो लंच, दो डिनर होते हैं। इसमें सलाद, फल, सब्जियां, मोटा अनाज, अंडा और चिकन होता है। ऐसी प्रोटीन वाली डाइट से ओमेगा-3 जैसे फैटी एसिड मिलते हैं। ये एंटी एजिंग का काम करता है।

एक्सरसाइज: हर मैच के बाद 30 मिनट स्विमिंग करते हैं
रोनाल्डो मानसिक सेहत पर भी ध्यान देते हैं। वे परिवार और दोस्तों के साथ रहना पसंद करते हैं। जिम में कार्डियो एक्सरसाइज जैसे रनिंग, रोइंग और वेटलिफ्टिंग पर फोकस करते हैं। मैच के बाद वे 30 मिनट स्विमिंग जरूर करते हैं।

माइनस 130 डिग्री में थैरेपी

रोनाल्डो विशेष चैंबर में क्रायोथैरेपी लेते हैं। चैंबर का तापमान -130 डिग्री तक किया जाता है। इसमें रोनाल्डो 3 मिनट तक रुकते हैं। इससे मांसपेशी की चोटों की रिकवरी जल्दी होती है।



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इनके शरीर पर सिर्फ 7% फैट है, जो पेशेवर खिलाड़ियों से 3% कम है।


source https://www.bhaskar.com/db-originals/news/footballer-cristiano-ronaldo-fitness-secret-to-reinvent-yourself-latest-fitness-tips-for-healthy-living-126641377.html

जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी बोलीं- जामिया में जिसने अटैक कराया, उसे सब जानते हैं; इसमें पुलिस की भी मिलीभगत

भोपाल. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी(जेएनयू) में फीस वृद्धि के खिलाफ 90 दिन का आंदोलन चलाने वाली छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष गुरुवार को भोपाल के इकबाल मैदान में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) औरनेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के विरोध में चल रहे आंदोलन को समर्थन देने पहुंचीं। इस दौरान दैनिक भास्कर से हुई बातचीत में आइशी ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में जिसने हमला किया, वह खुद को हिंदुओं के लिए काम करने वाला बताता है। सब जानते हैं कि जामिया में किसने अटैक करवाया। इस साजिश में दिल्ली पुलिस भी कहीं न कहीं मिली हुई है।

इससे पहले5 जनवरी को आइशी पर जानलेवा हमला हुआ था। इसके बाद भी यह आंदोलन नहीं थमा। आइशीछात्रों के साथजेएनयू में फीस वृद्धि के खिलाफ कोर्ट गईंऔर वहां से उन्हें अंतरिम राहत मिली।


सवाल- जामिया में हुए अटैक को लेकर क्या कहेंगी?
आइशी- आज जिस तरह से जामिया में अटैक हुआ है, सबको पता है कि जिसने अटैक करवाया है। फायरिंग करने वाला लड़कावहां पहुंचकर कहता है कि हम भगवाधारी हैं और हिंदुओं के लिए काम करते हैं,तो ये किसने किया है और किसने करवाया है। लेकिन,दिल्ली पुलिस भी कहीं न कहीं मिली हुई है। गृहमंत्री अमित शाह चाहते ही नहीं हैं कि कार्रवाई ठीक तरीकेसे हो। इसलिए बहुत जरूरी हो गयाकि हम सड़क पर उतरकर अपनी लड़ाई खुद लड़ेंक्योंकि,दिल्ली पुलिस से ज्यादा उम्मीद नहीं है। हमें उम्मीद थी किदिल्ली पुलिस फ्री एंड फेयर काम करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

आप ही देखिए, जिस तरह से मेरे ऊपर अटैक होता है और बाद में मुझे ही संदिग्ध (सस्पेक्ट) बना दिया जाता है। लेकिन,मेरे खिलाफ दिल्ली पुलिस के पास एक भी प्रूफ नहीं है, क्योंकि मैंने कुछ गलत किया ही नहीं। मैंने मीडिया के सामने खुलकर कहा कि मेरे खिलाफ कोई भी वीडियो हो तो दिखाइए, लेकिन वह नहीं दिखा पाए।

हमें खतरा है मगर मंत्री हमारी बात नहीं सुन रहे- आइशी
आइशी ने कहा-जेएनयू को लेकर मीडिया ट्रायल चल रहा है, इससे हमारा बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। हम 23-24-25 साल के स्टूडेंट्स हैं। अपनी आवाज उठा रहे हैं और बता रहे हैं कि हमें खतरा है, लेकिन हमारे मंत्री हमारी बात नहीं सुन रहे हैं। हम अपनी आवाज उठाते हैं तो देशद्रोही बता दिया जाता है। हम नौकरी मांग रहे हैं तो देशद्रोही बना दिया जाता है। आज देशद्रोह के नाम पर जो खिलवाड़ किया जा रहा है, उसे समझने की जरूरत है।

सवाल- फीस वृद्धि की लड़ाई के बाद जेएनयू प्रशासन का रवैया आपके प्रति बदला है?
आइशी- देखिए, 2016 के बाद 2019 में काफी बदलाव आया है। जब हमने 90 दिनों का फीस वृद्धि आंदोलन शुरू किया था तो हमें केवल जेएनयू, दिल्ली यूनिवर्सिटी, एएमयू, जामिया से ही सपोर्ट नहीं मिला बल्किहमें दूसरी अन्य यूनिवर्सिटीज से भी सपोर्ट मिला था। देश केआईआईटी संस्थानों से पूरा समर्थन मिला।जब लड़ाई शुरू हो गई तो सरकार और हमारेप्रशासन को लगा कि अब कुछ नहीं हो सकता है।तब उन्होंने 5 जनवरी को जेएनयू पर अटैक करवाया। उन्हें लगा कि जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष को रॉड से पिटवादेंगे तो जेएनयू के स्टूडेंट्स पीछे हट जाएंगे और फीसवृद्धि का आंदोलन खत्म हो जाएगा। लेकिन,5 तारीख के बाद भी आंदोलन अच्छे से चला। हम कोर्ट गए और हमें अंतरिम राहत मिली। ऐसा उन्होंने सपने में नहीं सोचा होगा।

सवाल- जेएनयू आंदोलन की आगे की रणनीति क्या होगी?
आइशी- जेएनयू आंदोलन की आगे की रणनीति सभी स्टूडेंट्स मिलकर ही तय करेंगे। यह मैं या कोई अन्य नहीं करेगा।वैसे ही सीएए-एनआरसी के खिलाफ जो आंदोलन चल रहा है, उसे कोई एक नहीं, हमारी आवाम तय करेगी कि आगे की रणनीति क्या होगी। जेएनयू में हमारी मांग साफ है और हम हम मंत्रालय को लिख चुके हैं कि वाइस चांसलर को हटा दिया जाए।


सवाल - फीसवृद्धि लड़ाई सीएए और एनआरसी की लड़ाई में तब्दील हो गई है क्या?
आइशी - सीएए-एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ हमारी लड़ाई पहले ही चल रही है। हम इस लड़ाई में भी अपनी भागीदारी देंगे। स्टूडेंट्स होने के साथ ही हम एक नागरिक भी हैं, इसलिए हमारी जिम्मेदारी है। क्योंकि,नागरिकता कानून लागू होगा तो मेरे ऊपर भी होगा और मुस्लिम दोस्त पर भी लागू होगाइसलिए जेएनयू की लड़ाई केवल फीस वृद्धि की लड़ाई नहीं है।

सवाल - आंदोलन से जेएनयू की छवि धूमिल हो रही है, उससे कैसे निपटेंगे?
आइशी - मुझे लगता था कि जेएनयू खास है और जेएनयू में ही आजादी के नारे लगाए जाते हैं, लेकिन मैं भोपाल आई तो देखा कि आजादी का नारा देश के हर एक कोने में लगाया जा रहा है। ऐसा तो है नहीं कि जेएनयू वाले जाकर हर जगह आजादी का नारा लगा रहे हैं। लोग खुद ही समझ रहे हैं कि आजाद देश में आजादी का नारा लगाना गलत है,मतलब सरकार बेतुकी बातें कर रही है। यहां पर रोजगार की बातें नहीं हो रही हैं। हम तो बोल रहे हैं कि संविधान में बदलाव लाना है तो ऐसा बदलाव लाओ, जिसमें रोजगार और शिक्षा सबको मिले। लेकिन,आप संविधान को बदलकर नागरिकता कानून की बात कर रहे हैं। हमें बेहतर सोच लानी होगी, हमें गोलवलकर और सावरकर की सोच को रिजेक्ट करना होगा। क्योंकि,वह संविधान को नहीं मानते थे। वह मनुस्मृति को मानने वाले लोग थे और हम मनुस्मृति को रिजेक्ट कर चुके हैं।

सवाल - आने वाले सालों में आइशी को किस रूप में देखा जाएगा?
आइशी - देखिए, अभी तो बहुत ज्यादा जरूरी है कि यूनिवर्सिटी में रहकर अपनी आवाज उठा पाएं और बेहतर कर पाएं। क्योंकि,बाबा साहब मानते थे कि हमारे पास क्षमता है तो वह हमारी पढ़ाई-लिखाई की वजह से है। उसे नहीं छोड़ना है। जेएनयू में किसी को पीएचडी में महिला होने के नाते दाखिला नहीं मिलता है, अगर आज मुझे ये अवसर मिला है तो मैं उसका पूरा उपयोग करूं। इसके बाद समाज को बेहतर बनाने के लिए अपना योगदान दे सकूं।



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JNUSU President Aishe Ghosh Bhaskar Interview; Speaks On Jamia Millia Islamia University Violence


source https://www.bhaskar.com/mp/bhopal/news/aishe-ghosh-jnusu-president-aishe-ghosh-bhaskar-interview-speaks-on-jamia-millia-islamia-university-violence-126641024.html

इंग्लैंड को भारत ने 5 विकेट से हराया, हरमनप्रीत ने आखिरी ओवर में छक्का लगाकर जीत दिलाई

खेल डेस्क. भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया में हो रही त्रिकोणीय सीरीज के अपने पहले मैच में इंग्लैंड को 5 विकेट से हरा दिया। कैनबरा में शुक्रवार को भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। इंग्लैंड ने 20 ओवर में 7 विकेट पर 147 रन बना लिए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 19.3 ओवर में 5 विकेट पर 150 रन बनाकर मैच जीत गई। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने आखिरी ओवर में छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई। भारत का अगला मुकाबला 2 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया से होगा।

हरमनप्रीत ने 5 चौके और एक छक्का लगाया

भारत के लिए मैच में कप्तान हरमनप्रीत कौर ने सबसे ज्यादा 42 रन बनाए। उन्होंने 34 गेंद की पारी में 5 चौके और एक छक्का लगाया। उनके अलावा शेफाली वर्मा ने 30 और जेमिमाह रोड्रिग्ज ने 26 रन की पारी खेली। स्मृति मंधाना ने 15, दिप्ती शर्मा ने नाबाद 12 और तानिया भाटिया ने 11 रनों का योगदान दिया। इंग्लैंड के लिए कैथरिन ब्रंट ने दो विकेट लिए।

इंग्लैंड के लिए कप्तान हीथर नाईट ने अर्धशतक लगाया
इससे पहले इंग्लैंड के लिए कप्तान हीथर नाईट ने 44 गेंद पर 67 रन की पारी खेली। वहीं, टैमी बिउमॉन्ट ने 27 पर 37 रन बनाए। नताली स्कीवर ने 20 रनों का योगदान दिया। भारत के लिए राजेश्वरी गायकवाड़ ने 19 रन देकर 2, शिखा पांडेय ने 33 रन देकर 2 और दिप्ती शर्मा ने 30 रन देकर 2 विकेट अपने नाम किया। राधा यादव को एक सफलता मिली। इंग्लैंड की टीम अपना अगला मुकाबला 1 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेगी।



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हरमनप्रीत ने आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर छक्का लगाया।


source https://www.bhaskar.com/sports/cricket/news/india-women-vs-england-women-en-w-vs-in-w-news-and-updates-tri-series-126641082.html