Wednesday 29 January 2020

दोषी अक्षय की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, तिहाड़ प्रशासन नए डेथ वॉरंट की मांग कर सकता है

नई दिल्ली.निर्भया केस के चार गुनहगारों में शामिल अक्षय ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होनी है। दोषी ने जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच से फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में उसकी रिव्यू पिटीशन खारिज कर दी थी। दो दोषियों के पास दो-दो विकल्प हैं। ऐसे में 1 फरवरी को फांसी फिर टलने की आशंका है। तिहाड़ जेल प्रशासन नए डेथ वॉरंट के लिए ट्रायल कोर्ट में अर्जी दे सकता है।

उधर, दोषी मुकेश सिंह के बाद अब एक और दुष्कर्मी विनय शर्मा ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दया याचिका भेजी है। विनय की क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है। इससे पहले मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी। इस फैसले की न्यायिक समीक्षा को लेकर लगाई याचिका सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दी। अब केवल अक्षय सिंह और पवन गुप्ता के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका का विकल्प है। डेथ वारंट में दोषियों की फांसी का वक्त 1 फरवरी को सुबह 6 बजे तय किया गया है।

प्रताड़ित होना दया का आधार नहीं हो सकता- सुप्रीम कोर्ट
सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को मुकेश के मामले में कहा था, ‘‘गृह मंत्रालय ने 15 जनवरी को दिल्ली सरकार की ओर से सील बंद लिफाफे में मिले सभी दस्तावेज दया याचिका के साथ राष्ट्रपति के सामने विचार के लिए रखे थे। इसमें निचली अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले भी शामिल थे। कथित तौर पर प्रताड़ित होना दया का आधार नहीं हो सकता है। दया याचिका पर जल्द फैसला लेने का यह मतलब नहीं कि राष्ट्रपति ने इसमें विवेक का इस्तेमाल नहीं किया।’’

चारों दोषियों की मौजूदा स्थिति
मुकेश सिंह के सभी विकल्प (क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका) खत्म हो चुके हैं।
दोषी पवन गुप्ता के पास अभी दोनों विकल्प क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका बचे हैं।
दोषी अक्षय ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। दया याचिका का भी विकल्प बचा।
दोषी विनय शर्मा की क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है। उसने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी।

किसी एक की याचिका लंबित रहने तक फांसी पर कानूनन रोक लगी रहेगी
जिन दोषियों के पास कानूनी विकल्प हैं, वे तिहाड़ जेल द्वारा दिए गए नोटिस पीरियड के दौरान इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। दिल्ली प्रिजन मैनुअल के मुताबिक, अगर किसी मामले में एक से ज्यादा दोषियों को फांसी दी जानी है, तो किसी एक की याचिका लंबित रहने तक सभी की फांसी पर कानूनन रोक लगी रहेगी। निर्भया केस भी ऐसा ही है, चार दोषियों को फांसी दी जानी है। अभी कानूनी विकल्प भी बाकी हैं और एक केस में याचिका भी लंबित है। ऐसे में 1 फरवरी को फांसी फिर टल सकती है।

दोषियों के खिलाफ लूट-अपहरण का भी केस
फांसी में एक और केस अड़चन डाल रहा है। वह है सभी दोषियों के खिलाफ लूट और अपहरण का मामला। दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि पवन, मुकेश, अक्षय और विनय को लूट के एक मामले में निचली अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ अपील हाईकोर्ट में लंबित है। जब तक इस पर फैसला नहीं होता जाता, दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती।



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Nirbhaya Rape Case Curative Petition | Nirbhaya Rape Case Convict Akshay Kumar Singh Curative Petition Supreme Court Hearing Today Updates On Delhi Gang Rape And Murder Case Convict Curative Petition


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