
वॉशिंगटन. डेमोक्रेटिक सांसद और 2020 चुनाव में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स ने बुधवार को दिल्ली हिंसा पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान पर निशाना साधा। सैंडर्स ने कहा कि उनका(ट्रम्प का) बयान नेतृत्व कीनाकामी दिखाता है। दो दिनों के दौरे पर 24 फरवरी को ट्रम्प अहमदाबाद पहुंचे थे। 25 फरवरी को दिल्ली उनसे हिंसा पर सवाल पूछा गया था। इस पर उन्होंने कहा था किकिहिंसा के बारे में सुना है, लेकिन इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई चर्चा नहीं की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प ने यह भी कहा था,‘‘मोदी एक धार्मिक व्यक्ति हैं और देश में धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने को लेकर बेहद गंभीर हैं।वे इसके लिए वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’’
‘ट्रम्प ने कहा- यह भारत का आंतरिक मामला’
सैंडर्स ने ट्वीट किया था- ‘‘भारत 20 करोड़ मुस्लिमों का घर है। व्यापक स्तर पर मुस्लिम विरोधी दंगों में करीब 27 लोग (अभी मौतों का आंकड़ा 34) मारे जा चुके हैं और कई जख्मी हुए हैं। ट्रम्प ने इस पर कहा कियह भारत का आंतरिक मामला है। मानवाधिकारों पर यह नेतृत्व की नाकामी है।’’
Over 200 million Muslims call India home. Widespread anti-Muslim mob violence has killed at least 27 and injured many more. Trump responds by saying, "That's up to India." This is a failure of leadership on human rights.https://t.co/tUX713Bz9Y
— Bernie Sanders (@BernieSanders) February 26, 2020
सैंडर्स के बयान पर पाकिस्तानी मूल के कनाडाई पत्रकार तारिक फतेह ने ट्वीट किया- आपने भारत के विरोध में पक्षपातपूर्ण ट्वीट किया है,क्योंकि आप अपने पाकिस्तानी मैनेजर फैयाज शाकिर के हाथों का मोहरा बन चुके हैं। आप इल्हान उमर और उनकी टोली की तरह इस्लामिक बातें कर रहे हैं।कांग्रेस में पाकिस्तानी कॉकस का बोलबाला है।
Hi @SenSanders, you've tweeted this biased anti-India claptrap bcoz u r a pawn in the hands of your Pakistani Campaign Manager Faiz @fShakir & hired members of the 'Pakistani' caucus in Congress.
U sound like an Islamic HMV record with @Ilhan Omar & the Squad as back-up singers https://t.co/mW7tK0MA1X— Tarek Fatah (@TarekFatah) February 27, 2020
अमेरिकी आयोग ने हिंसा पर आपत्ति जताई
उधर, भारत ने दिल्ली हिंसा पर अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएएससीआईआरएफ) के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। अमेरिकी आयोग ने बुधवार को कहा था कि दिल्ली में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यूएएससीआईआरएफ का बयान तथ्यात्मक तौर पर गलत और भ्रामक है। ऐसा लगता है कि आयोग ने यह टिप्पणी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और व्यक्तियों के बयान के आधार पर की है।
भारत ने कहा कि यह मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश लग रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारतीय एजेंसियां हिंसा रोकने और शांति कायम करने में लगी हैं। ऐसे में आयोग को इस प्रकार के गैर जिम्मेदाराना बयान से बचना चाहिए। वहीं, दिल्ली हिंसा के विरोध में शुक्रवार को साउथ एशियन स्टूडेंट्स अगेंस्ट फासिज्म के बैनर तलेशिकागो, एटलांटा, सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क में प्रदर्शन होगा।चारों शहरों में प्रदर्शनकारी भारतीय दूतावास के सामने जुटेंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दिल्ली हिंसा पर चिंता जताई
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दिल्ली हिंसा पर दुख जताया है। उनके प्रवक्ता स्टीफन डुजैरिक ने कहा- गुटेरेस दिल्ली में प्रदर्शन के बाद हुए नुकसान की खबरों से दुखी हैं। उन्होंने हिंसा रोकने के लिए ज्याद से ज्यादा पाबंदियां लगाई जानी चाहिए। इससे पहले डुजैरिक ने कहा था कि गुटेरेस दिल्ली के हालात पर नजर बनाए हुए हैं। प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने की इजाजत दी जानी चाहिए और सुरक्षा बल को उनसे सख्ती नहीं बरतनी चाहिए।
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source https://www.bhaskar.com/international/news/democratic-presidential-candidate-bernie-sanders-on-us-president-donald-trump-over-delhi-violence-126856515.html
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